Vikrant Shekhawat : Feb 17, 2021, 07:44 AM
उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर के नष्ट होने से क्षतिग्रस्त तपोवन-विष्णुगढ़ परियोजना की सुरंग में फंसे लोगों का बचाव अभियान लगातार चल रहा है। वहीं, कुत्ते का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। जो अपने मालिकों से पिछले तीन दिनों से यहां सुरंग के बाहर इंतजार कर रहा था, जो उसे भोजन और पानी देते थे।
बताया जा रहा है कि यह कुत्ता यहां काम करने वाले लोगों के बीच काफी घुल-मिल गया। ये लोग उसे खाना खिलाते थे और अब वह सुरंग के पास इंतजार कर रहे हैं। आपदा के समय कुत्ता मौजूद नहीं था, लेकिन जब वह आया, तो सब कुछ बदल गया था।कुत्ते ब्लैकी की उम्र लगभग दो साल बताई जाती है। आपदा से बचे 34 वर्षीय राजिंदर कुमार ने कहा कि कुत्ता यहां पैदा हुआ था। जब इस परियोजना का काम शुरू हुआ।राजिंदर कुमार का कहना है कि बाढ़ से पहले कुत्ता नीचे चला गया था। जब अगले दिन सुबह आया, तो यहां सब कुछ बदल गया था, उसकी पहचान का कोई भी आदमी उसे यहां नहीं मिला, जिसे देखकर वह बहुत दुखी हुआ।इस वीडियो को वन विभाग के अधिकारी प्रवीण कस्वां ने सोशल मीडिया पर शेयर किया था। इस भावनात्मक कर वीडियो को अब तक लाखों लोग देख चुके हैं और विभिन्न भावनात्मक टिप्पणियां कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि यह कुत्ता यहां काम करने वाले लोगों के बीच काफी घुल-मिल गया। ये लोग उसे खाना खिलाते थे और अब वह सुरंग के पास इंतजार कर रहे हैं। आपदा के समय कुत्ता मौजूद नहीं था, लेकिन जब वह आया, तो सब कुछ बदल गया था।कुत्ते ब्लैकी की उम्र लगभग दो साल बताई जाती है। आपदा से बचे 34 वर्षीय राजिंदर कुमार ने कहा कि कुत्ता यहां पैदा हुआ था। जब इस परियोजना का काम शुरू हुआ।राजिंदर कुमार का कहना है कि बाढ़ से पहले कुत्ता नीचे चला गया था। जब अगले दिन सुबह आया, तो यहां सब कुछ बदल गया था, उसकी पहचान का कोई भी आदमी उसे यहां नहीं मिला, जिसे देखकर वह बहुत दुखी हुआ।इस वीडियो को वन विभाग के अधिकारी प्रवीण कस्वां ने सोशल मीडिया पर शेयर किया था। इस भावनात्मक कर वीडियो को अब तक लाखों लोग देख चुके हैं और विभिन्न भावनात्मक टिप्पणियां कर रहे हैं।