Drishti IAS Coaching / विकास दिव्यकीर्ति का आया दृष्टि की बिल्डिंग सील होने के बाद पहला रिएक्शन, जानिए क्या कहा

राजिंदर नगर की घटना के संदर्भ में एक्शन लेते हुए एमसीडी द्वारा दृष्टि कोचिंग संस्थान का एक सेंटर सील होने के बाद आज विकास दिव्यकीर्ति ने पूरी घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक बयान जारी करते हुए कहा कि हमें खेद है कि हमने अपना पक्ष रखने में देरी की। घटना पर हम नहीं चाहते थे कि अधूरी जानकारी के आधार पर कुछ कहें। इस देरी के लिए हम हृदय से माफी मांगते हैं।

Vikrant Shekhawat : Jul 30, 2024, 07:09 PM
Drishti IAS Coaching: राजिंदर नगर की घटना के संदर्भ में एक्शन लेते हुए एमसीडी द्वारा दृष्टि कोचिंग संस्थान का एक सेंटर सील होने के बाद आज विकास दिव्यकीर्ति ने पूरी घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक बयान जारी करते हुए कहा कि हमें खेद है कि हमने अपना पक्ष रखने में देरी की। घटना पर हम नहीं चाहते थे कि अधूरी जानकारी के आधार पर कुछ कहें। इस देरी के लिए हम हृदय से माफी मांगते हैं।

मृतक परिवारों की सहायता के लिए बढ़ाया हाथ

उन्होंने आगे कहा कि शनिवार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना, जिसमें 3 विद्यार्थियों श्रेया यादव, तान्या सोनी और निविन डाल्विन की असमय व दर्दनाक मृत्यु हुई, पर हम गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। हम तीनों बच्चों के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनके परिवारजनों को यह अपूरणीय क्षति झेलने का हौसला प्रदान करें। इन बच्चों के परिवारों से हमारा प्रत्यक्ष परिचय नहीं है किंतु दुख की इस घड़ी में हम पूरी तरह उनके साथ हैं। यदि हम किसी भी तरह उनके लिए कुछ कर सकेंगे तो कृतज्ञता महसूस करेंगे।

आगे अपने बयान में कहा कि इस दुर्घटना को लेकर छात्रों में जो गुस्सा दिख रहा है, वह पूरी तरह न्यायसंगत है। बहुत अच्छा होगा यदि इस गुस्से को सही दिशा मिले और सरकार कोचिंग संस्थाओं के लिए तय गाइडलाइन लागू करे। इस संबंध में हम सरकार के साथ सक्रिय सहयोग करने को तैयार हैं।

कोचिंग संस्थानों से जुड़ी समस्या पर की बात

आगे कहा कि कोचिंग संस्थानों से जुड़ी यह समस्या ऊपर से जितनी सरल दिखती है, उतनी है नहीं। इसके कई पक्ष हैं जिनके तार कानूनों की अस्पष्टता और अंतर्विरोध से जुड़ते हैं। डीडीए, एमसीडी तथा दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के नियमों में असंगति है। इसी तरह, 'दिल्ली मास्टरप्लान-2021', 'नेशनल बिल्डिंग कोड', 'दिल्ली फायर रूल्स' और 'यूनिफाइड बिल्डिंग बाई-लॉज़' के प्रावधानों में भी काफी अंतर्विरोध है। 'दिल्ली मास्टरप्लान-2021' को छोड़कर किसी भी डाक्यूमेंट में कोचिंग संस्थानों के लिए स्पष्ट प्रावधान नहीं दिए गए हैं। आशा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बनाई गई कमेटी जब एक माह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी तो उसमें ऊपर लिखे अधिकांश बिंदुओं का समाधान मिल सकेगा।

एमसीडी का कार्रवाई को बताया सही

विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि दिल्ली नगर निगम द्वारा पिछले कुछ दिनों में की गई व्यापक कार्रवाई स्वागत योग्य है। इस समस्या का स्थायी समाधान यह है कि सरकार दिल्ली में तीन-चार क्षेत्रों को चुनकर उन्हें कोचिंग संस्थानों के लिये नियत करे। अगर सरकार क्लासरूम्स, लाइब्रेरीज़, होस्टल खुद तैयार कराएगी तो न ज़्यादा किराए की समस्या रहेगी और न ही सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों की। 

आगे कहा कि इस विषय की जटिलताओं को स्पष्ट करने के लिये हम जल्दी ही एक विस्तृत विश्लेषण (लेख या वीडियो) जारी करेंगे ताकि सभी विद्यार्थियों व अन्य हितधारकों को भी सभी पक्षों का अनुमान हो सके। हमें विश्वास है कि जब सारे पक्ष सामने होंगे, तब समाधान की सही राह निकलेगी। एक बार फिर, यदि जाने-अनजाने में हमारी टीम से कोई चूक हुई है तो हम उसके लिये पुनः खेद व्यक्त करते हैं। अब हम विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर और ज़्यादा सतर्क रहने का भरोसा दिलाते हैं।