Chandrayaan-3 Mission / चांद पर विक्रम ने दोबारा की सॉफ्ट लैंडिंग और आ गया 'तूफान', ISRO का नया वीडियो

ISRO द्वारा चांद पर लगातार कई प्रयोग किए जा रहे हैं और इसी कड़ी में सोमवार को विक्रम लैंडर की दोबारा सॉफ्ट लैंडिंग कराई गई है. जिस लोकेशेन पर पहले ये लैंडर मौजूद था, उससे 40 सेमी. ऊपर उठकर ये कुछ दूरी पर दोबारा सॉफ्ट लैंड कराया गया है. इसरो का कहना है कि भविष्य के मिशन के लिए इस तरह का प्रयोग करना जरूरी था. ISRO ने सोमवार को एक ट्वीट किया जिसमें इस पूरे एक्सपीरिमेंट की जानकारी दी. इसरो ने लिखा, भारत का विक्रम चांद

Vikrant Shekhawat : Sep 04, 2023, 01:37 PM
Chandrayaan-3 Mission: ISRO द्वारा चांद पर लगातार कई प्रयोग किए जा रहे हैं और इसी कड़ी में सोमवार को विक्रम लैंडर की दोबारा सॉफ्ट लैंडिंग कराई गई है. जिस लोकेशेन पर पहले ये लैंडर मौजूद था, उससे 40 सेमी. ऊपर उठकर ये कुछ दूरी पर दोबारा सॉफ्ट लैंड कराया गया है. इसरो का कहना है कि भविष्य के मिशन के लिए इस तरह का प्रयोग करना जरूरी था. ISRO ने सोमवार को एक ट्वीट किया जिसमें इस पूरे एक्सपीरिमेंट की जानकारी दी. इसरो ने लिखा, ‘भारत का विक्रम चांद पर फिर से सॉफ्ट लैंड किया है. विक्रम लैंडर ने अपने सभी मिशन पूरे कर चुका है और अब ये सफलतापूर्वक होप एक्सपीरिमेंट से गुजरा है.’

ISRO ने आगे लिखा, ‘कमांड दिए जाने पर विक्रम लैंडर के इंजन चालू हुए और ये 40 सेमी तक ऊपर उठा, फिर 30-40 सेमी दूर जाकर सॉफ्ट लैंड हो गया.’ इसरो ने बताया कि इसका मकसद भविष्य में लैंडर की वापसी और आने वाले मानवीय मिशन के लिए ट्रायल करना है.

इस नए मिशन के दौरान विक्रम लैंडर के सभी सिस्टम सही तरीके से काम कर रहे थे. रैम, चेस्टे और इल्सा को बंद किया गया और बाद में वापस उन्हें डिप्लॉय कर दिया गया. चांद पर प्रज्ञान रोवर के स्लीप मोड में जाने के बाद इसरो का विक्रम लैंडर से जुड़ा ये बड़ा अपडेट है.

इसरो ने बीते शनिवार को ही जानकारी दी थी कि अब प्रज्ञान रोवर स्लीप मोड में चला गया है, कुल 12 दिन की सेवा के बाद अब ये एक सुरक्षित जगह पर पार्क हो गया है. प्रज्ञान रोवर अब 22 सितंबर का इंतजार कर रहा है, जब चांद पर फिर से सुबह होगी तब प्रज्ञान रोवर के फिर से एक्टिव होने की उम्मीद होगी.

14 जुलाई को लॉन्च हुए इस मिशन ने अबतक कई उपलब्धियां हासिल कर ली हैं, जिसने इसरो के झंडे को बुलंद किया है. 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी हिस्से पर सॉफ्ट लैंडिंग करके चंद्रयान-3 ने इतिहास रचा था और यहां पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश बना था.