Vikrant Shekhawat : Jun 13, 2024, 03:15 PM
G7 Summit News: G7 दुनिया के सात सबसे ताकतवर और औद्योगिक लिहाज से सबसे समृद्ध देशों का संगठन है। यह संगठन कई तरह से दुनिया को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है। G7 नेटो, EU या UN की तरह कोई आधिकारिक संगठन नहीं है लेकिन इसने कई वैश्विक समस्याओं को हल करने में बड़ी भूमिका निभाई है। हम G7 की चर्चा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि 13 जून से इटली के अपुलिया में G7 की सालाना बैठक शुरू हो रही है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 50वीं G7 बैठक में हिस्सा लेंगे। भारत G7 का सदस्य नहीं है लेकिन Outreach Country के तौर पर इस बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रण मिला है। तो चलिए जानते हैं कि G7 की वैश्विक राजनीति में क्या भूमिका है और यह भारत के लिए इतना अहम क्यों है।इस वजह से अहम है G7वैश्विक राजनीति G7 इतना अहम क्यों है तो इसे ऐसे समझा जा सकता है कि G7 एक ग्लोबल पॉलिसी फोरम है। इसमें शामिल सातों देश मिलकर पूरी दुनिया को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर चर्चा करते हैं। अर्थव्यवस्था की नजर से दुनिया के 9 सबसे बड़े देशों में से सात G7 में हैं। G7 के सातों देशों की अर्थव्यवस्था 45 ट्रिलियन डॉलर है। दुनिया की जीडीपी में इन सात देशों की हिस्सेदारी 43 फीसदी है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में दुनिया के 15 टॉप के देशों में से सात G7 के सदस्य हैं। G7 देश दुनिया के 10 सबसे बड़े निर्यातकों में शामिल हैं। इसके अलावा, G7 के सदस्य देश यूनाइटेड नेशंस को डोनेशन देने वाले टॉप 10 देशों की लिस्ट में भी हैं। अब जो देश पूरे विश्व में इस तरह की भूमिका निभा रहे हों तो यह समझना कठिन नहीं है कि दुनिया की राजनीति में G7 की क्या भूमका है। वैसे G7 देशों ने अतीत में चेर्नोबिल न्यूक्लियर डिजास्टर, एचआईवी एड्स और मलेरिया के लिए फंड जुटाने, क्लाइमेट चेंज से निपटने और लैंगिक समानता जैसे मामलों पर बड़ी भूमिका निभाई है। भारत के लिए खास क्यों G7जापान, फ्रांस, इटली, जर्मनी, ब्रिटेन अमेरिका और कनाडा। इन देशों की कुल आबादी दुनिया की 10 फीसदी। कुल जीडीपी दुनिया का 40 प्रतिशत। यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में परमानेंट मेंबर्स हैं अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन। इतना सबकुछ होने के बाद भी इस संगठन के लिए भारत बेहद अहम देश है। इसके उलट भारत के लिए भी G7 संगठन खासा मायने रखता है। भारत इतना अहम क्यों है इसके पीछे कई वजहें हैं सबसे पहली बात यह है कि दुनिया में भारत की साख और ताकत लगातार बढ़ रही है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश भी भारत है। वैश्विक मामलों पर भारत ने अपना पक्ष हमेशा मजबूती के साथ रखा है। भारत में राजनीतिक स्थिरता की वजह से यह G7 सदस्य देशों के लिए खासी अहमियत रखता है। इसके अलावा भारत को वैश्विक राजनीति में नई पहचान मिली है। दुनिया भी अब भारत की बढ़ती हुई गति को देख रही है और इसी वजह से भारत G7 संगठन भारत के लिए खास है।इस बार किन मुद्दों पर चर्चा?G7 सम्मेलन में इस बार भारत के अलावा यूक्रेन, ब्राजील, अर्जेंटीना, तुर्किए, संयुक्त अरब अमीरात, कीनिया, अल्जीरिया, ट्यूनीजिया और मॉरीतानिया के राष्ट्राध्यक्षों को भी न्यौता दिया गया है। Outreach देशों के साथ 14 जून को बैठक होनी है। G7 की 50वीं समिट में 13 जून को जलवायु परिवर्तन, मध्य-पूर्व और इजराइल-गाजा के बीच हो रहे संघर्ष पर चर्चा होगी। यूक्रेन के राष्ट्रपति भी यूक्रेन-रूस युद्ध से संबंधित दो सेशंस में भाग लेंगे। वहीं, 14 जून को AI (Artificial Intelligence), माइग्रेशन और ऊर्जा पर बात होगी। इसके बाद 15 जून को इटली की तरफ से एक प्रेस कॉन्फ्रेस की जाएगी। G7 में भारत का एजेंडा G7 की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ बातचीत करने वाले हैं। इसके अलावा वो कई दूसरे देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। G7 के आउटरीच सेशन में पीएम मोदी अल्जीरिया, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों के साथ चर्चा करेंगे, इस दौरान रक्षा, ऊर्जा और भविष्य में होने वाले सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है। पीएम मोदी कब-कब हुए शामिल फ्रांस में अगस्त 2019 में पीएम मोदी G7 शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे। इसके बाद जून 2021 में ब्रिटेन में G7 सम्मेलन का आयोजन हुआ, कोरोना की वजह से पीएम मोदी इसमें वर्चुअली शामिल हुए। इसके बाद जून 2022 में जर्मनी और मई 2023 में जापान में हुए G7 सम्मेलन में भी पीएम मोदी हिस्सा लेने पहुंचे। अब एक बार फिर इटली में पीएम मोदीG7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं।