महा शिवरात्रि 2021 / कब है महाशिवरात्रि? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा की सही विधि

महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। शिवरात्रि का त्यौहार व्यापक रूप से वर्ष में दो बार मनाया जाता है। एक फाल्गुन के महीने में और दूसरा श्रावण के महीने में। फाल्गुन माह की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है। महाशिवरात्रि को चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस बार चतुर्दशी 11 मार्च को है और इस दिन महा शिवरात्रि (महा शिवरात्रि 2021) मनाई जाएगी।

Vikrant Shekhawat : Mar 03, 2021, 11:37 AM
Delhi: महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। शिवरात्रि का त्यौहार व्यापक रूप से वर्ष में दो बार मनाया जाता है। एक फाल्गुन के महीने में और दूसरा श्रावण के महीने में। फाल्गुन माह की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है। महाशिवरात्रि को चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस बार चतुर्दशी 11 मार्च को है और इस दिन महा शिवरात्रि (महा शिवरात्रि 2021) मनाई जाएगी। माना जाता है कि शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।

महाशिवरात्रि के शुभ मुहूर्त पर महा शिवरात्रि शुभ मुहूर्त

निशीथ काल पूजा का समय - 11 मार्च, 12 बजे शाम 6 बजे से 12 बजे 55 बजे

पहला स्ट्रोक - 11 मार्च, 06 बजकर 27 मिनट 09 बजकर 29 मिनट

दूसरा स्ट्रोक - रात 9 बजकर 29 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

तीसरी हिट - रात 12 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 32 मिनट तक

चौथा स्ट्रोक - 12 मार्च, सुबह 03 बजे, सुबह 32 बजे, सुबह 06 बजे से सुबह 34 बजे तक

महाशिवरात्रि पारन मुहूर्त - 12 मार्च, सुबह 06 से 36 बजे दोपहर में 3 से 04 बजे तक


महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें

महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। इस दिन शिव को तीन पत्तों के साथ 108 पत्ते चढ़ाएं। भगवान शंकर को भांग का बहुत शौक है, इसलिए इस दिन दूध में गांजा मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। शिव को धतूरा और गन्ने का रस चढ़ाएं। इससे जीवन में खुशियां बढ़ती हैं। गंगा जल को जल में मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे मन की अशांति दूर होती है।

महा शिवरात्रि पूजा विधान 

शिव रात्रि को भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान कराएं। केसर के पानी के 8 टुकड़े चढ़ाएं। पूरी रात दीपक जलाएं। चंदन का तिलक लगाएं। बेल का पत्ता, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मीठा, मीठा पान, इत्र और दक्षिणा अर्पित करें। सबसे पहले केसर के साथ केसर चढ़ाकर प्रसाद वितरित करें। ओम नमो भगवते रुद्राय, ओम नमः शिवाय रुद्राय शम्भाय भवानीपतये नमो नमः मंत्र का जाप करें। इस दिन शिव पुराण का पाठ करें। महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण किया जाता है।