Zee News : Jul 24, 2020, 07:08 AM
जिनेवा: कोरोना (Coronavirus) महामारी को लेकर अमेरिका (America), चीन (China) के साथ-साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को भी निशाना बना रहा है। हाल ही में अमेरिकी विदेशमंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) ने WHO चीफ टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) पर हमला बोलते हुए कहा था कि उन्होंने चीन के साथ डील की है। हालांकि, टेड्रोस ने इस आरोप को बेबुनियाद करार दिया है।
WHO महानिदेशक ने पोम्पियो के आरोपों को गलत और आधारहीन करार देते हुए कहा कि ‘हमें कोरोना के राजनीतिकरण’ से बचना चाहिए’। उन्होंने सभी देशों से वायरस के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने की अपील की है, जिसने दुनिया भर में कहर बरपाया हुआ है। वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस कहा, ‘COVID-19 सीमाओं, विचारधाराओं या राजनीतिक दलों का सम्मान नहीं करता। महामारी पर हो रही राजनीति ने स्थिति को और खराब कर दिया है। लिहाजा यह जरूरी है कि अब कोरोना वायरस की राजनीति को क्वारंटाइन किया जाए’। अमेरिकी विदेशमंत्री ने मंगलवार को सांसदों की एक निजी बैठक में कहा था कि डब्ल्यूएचओ एक राजनीतिक निकाय बन गया है। उसके फैसले टेड्रोस और चीन के बीच हुई डील से प्रभावित थे, और इसी डील के चलते टेड्रोस को WHO चीफ की कुर्सी मिली। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शुरुआत से WHO की भूमिका अपर सवाल उठाते आ रहे हैं। उन्होंने WHO को चीन की कठपुतली भी करार दिया था। ट्रंप ने कहा था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना को लेकर पारदर्शिता नहीं दिखाई, जिसकी वजह से चीन वायरस को पूरी दुनिया में फैलाने की अपनी चाल में कामयाब रहा। इस कारण से उन्होंने WHO से अमेरिका को अलग करने का फैसला लिया था।
WHO महानिदेशक ने पोम्पियो के आरोपों को गलत और आधारहीन करार देते हुए कहा कि ‘हमें कोरोना के राजनीतिकरण’ से बचना चाहिए’। उन्होंने सभी देशों से वायरस के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने की अपील की है, जिसने दुनिया भर में कहर बरपाया हुआ है। वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस कहा, ‘COVID-19 सीमाओं, विचारधाराओं या राजनीतिक दलों का सम्मान नहीं करता। महामारी पर हो रही राजनीति ने स्थिति को और खराब कर दिया है। लिहाजा यह जरूरी है कि अब कोरोना वायरस की राजनीति को क्वारंटाइन किया जाए’। अमेरिकी विदेशमंत्री ने मंगलवार को सांसदों की एक निजी बैठक में कहा था कि डब्ल्यूएचओ एक राजनीतिक निकाय बन गया है। उसके फैसले टेड्रोस और चीन के बीच हुई डील से प्रभावित थे, और इसी डील के चलते टेड्रोस को WHO चीफ की कुर्सी मिली। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शुरुआत से WHO की भूमिका अपर सवाल उठाते आ रहे हैं। उन्होंने WHO को चीन की कठपुतली भी करार दिया था। ट्रंप ने कहा था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना को लेकर पारदर्शिता नहीं दिखाई, जिसकी वजह से चीन वायरस को पूरी दुनिया में फैलाने की अपनी चाल में कामयाब रहा। इस कारण से उन्होंने WHO से अमेरिका को अलग करने का फैसला लिया था।