Vikrant Shekhawat : Sep 23, 2021, 11:19 AM
जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि खराब वायु गुणवत्ता के नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभाव पहले के अनुमान की तुलना में निचले स्तर पर अधिक पड़ते हैं और वह 15 वर्षों में पहली बार अपने वायु गुणवत्ता दिशानिर्देशों को अद्यतन करते हुए नीति निर्माताओं और आम लोगों के लिए एक उच्च मानक स्थापित कर रहा है।संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने बुधवार को अपना संशोधित वायु गुणवत्ता दिशानिर्देश जारी किया। न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा में जलवायु परिवर्तन एक प्रमुख विषय है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मंगलवार को घोषणा की थी कि चीन अब कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों का वित्तपोषण नहीं करेगा। ऐसे संयंत्रों में कई प्रदूषणकारी तत्व पैदा होते हैं जो दिशानिर्देशों में शामिल किए गए हैं।डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों के अंतिम अद्यतन के बाद से, बेहतर निगरानी और विज्ञान ने मानव स्वास्थ्य पर छह प्रमुख वायु प्रदूषकों के प्रभाव के बारे में वैश्विक तस्वीर को साफ कर दिया है। एजेंसी के अनुसार, दुनिया के 90 प्रतिशत लोग पहले से ही कम से कम एक ऐसे हानिकारक प्रदूषक वाले क्षेत्रों में रहते हैं।दिशानिर्देशेां में संशोधन ग्लोबल वार्मिंग और जीवाश्म ईंधन के उपभोग के प्रभाव से संबंधित व्यापक चिंताओं से परे पर्यावरणीय चिंताओं के पहलू को भी उजागर किया गया है।डब्ल्यूएचओ यूरोप कार्यक्रम प्रबंधक डोरोटा जारोसिंस्का ने कहा कि वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से 70 लाख लोगों की अकाल मृत्यु होने और हर साल लाखों लोगों के स्वास्थ्य के प्रभावित होने का अनुमान है। इसके साथ ही वायु प्रदूषण को "अब मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा पर्यावरणीय खतरा माना गया है।’’डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अब वायु प्रदूषण की तुलना अस्वास्थ्यकर आहार और धूम्रपान जैसे अन्य वैश्विक स्वास्थ्य जोखिमों से की जा रही है।