Vikrant Shekhawat : Apr 04, 2024, 08:17 AM
Business News: आरबीआई एमपीसी की बैठक 3 अप्रैल से शुरू हो चुकी है. ये मीटिंग 5 अप्रैल तक चलेगी. इस मीटिंग में लिए फैसलों का ऐलान 5 अप्रैल को ही आरबीआई गवर्नर की ओर से कर दिया जाएगा. इस मीटिंग में लिए जाने वाले निर्णयों और आरबीआई गवर्नर के ऐलान से पहले एक सेक्टर काफी खिला हुआ दिखाई दे रहा है. शायद इस सेक्टर ये संकेत तो नहीं मिल गए हैं कि आरबीआई की मीटिंग में होने वाला सबसे बड़ा फैसला क्या होने वाला है?वैसे आरबीआई की ये मीटिंग नए वित्त वर्ष की पहली मीटिंग है. वहीं लोकसभा चुनाव से पहले ये मीटिंग और भी अहम हो गई है. इसके बाद जो मीटिंग होगी, वो जून के महीने में 5 से 7 तारीख को होगी. 6 जून को चुनाव के नतीजों का ऐलान होगा. देश को पता लग जाएगा कि आखिर सत्ता में कौन काबिज होगा.ऐसे में ये सवाल और भी बड़ा हो जाता है कि क्या चुनाव से पहले आम लोगों को बढ़ी हुई ईएमआई से राहत मिलेगी या नहीं? या फिर आरबीआई महंगाई के आंकड़ों को देखकर कुछ कढ़े कदम भी उठा सकता है? सवाल ये भी है कि क्या आरबीआई की एमपीसी लगातार 7वीं बार ब्याज दरों को फ्रीज करने का मन तो नहीं बनाएगी? आइए उस सेक्टर के जानकारों से इन तमाम सवालों को डिकोड करने की कोशिश करते हैं जो मौजूदा समय में काफी खुश है.कौन सा सेक्टर है खुश?नए वित्त वर्ष की पहली मीटिंग से जिस सेक्टर के खुश होने की खबरें सामने आ रही हैं वो कोई और नहीं बल्कि रियल एस्टेट हैं. इस सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट का अनुमान है कि आरबीआई फिर से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा. इसका मतलब है कि आरबीआई ब्याज दरों में कोई इजाफा नहीं करेगी. वैसे आम लोग इस बात की आस लगाए बैठे हैं कि आखिर उन्हें इस बढ़ी हुई महंगाई से कब निजात मिलेगी.वहीं दूसरी ओर रियल एस्टेट सेक्टर के विशेषज्ञों का तर्क है कि ग्लोबल लेवल पर जिस तरह का माहौल है. अमेरिकी फेड ऐलान करने के बाद भी ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं कर रही है. साथ ही देश में भी महंगाई के आंकड़ें आरबीआई के टारगेट लेवल पर नहीं आए हैं.ऐसे में ब्याज दरों का फ्रीज रहना भी देश के लोगों और इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए काफी राहत भरी बात है. जब रेपो रेट में इजाफा नहीं होगा तो घर खरीदने वाले लोगों की ईएमआई में किसी तरह की बढ़ोतरी देखने को नहीं मिलेगी. जिससे रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट मिलेगा.दो सालों से बूम पर है रियल एस्टेटअगर बात बीते दो सालों की करें तो रियल एस्टेट बूम पर दिखाई दिया है. साल 2022 और 2023 में लोगों ने घरों की काफी खरीदारी की है. जिसकी वजह से अनबिकी प्रॉपर्टी की संख्या खासकर दिल्ली एनसीआर के एरिया में काफी कम हो गई है. इसके अलावा डेवलपर्स तमाम तरह के ऑफर्स भी दे रहे हैं. जिसकी वजह से घर खरीदने के इच्छुक लोग लगातार इंक्वायरी कर रहे हैं. साथ ही घरों की बुकिंग भी करा रहे हैं.लग्जारी घरों की डिमांडक्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ के अनुसार इकोनॉमी मजबूत है. लग्जरी और मिड सेगमेंट काफी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. कैलेंडर ईयर 2024 की पहली तिमाही में लग्जरी घरों की पहली तिमाही में लॉन्च हुए नए घरों में लग्जरी घरों की हिस्सेदारी 34 फीसदी देखने को मिली है. वैसे सस्ते घरों की सेल्स में गिरावट एक गंभीर समस्या है, आरबीआई को इस ओर भी देखने की काफी जरुरत है.दूसरी ओर एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा कहते हैं कि पिछले रेपो रेट को फ्रीज रखने के फैसलों ने रियल एस्टेट सेक्टर में कोई बुरा असर नहीं डाला है. बीता साल तो सेक्टर के लिए काफी बेहतर देखने को मिला है. अगर इस बार भी रेपो रेट में कोई इजाफा नहीं भी होता है तो किसी तरह के नुकसान की कोई संभावना नहीं है, बल्कि सेक्टर को और बूस्ट मिलेगा.घर खरीदारों के विश्वास को करेगा मजबूतग्रुप 108 के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. अमिष भूटानी के अनुसार पिछले साल रेपो रेट फ्रीज रहे. यह फैसला इकोनॉमी और रियल एस्टेट के काफी अच्छा रहा. अगर इस बार भी रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं होता है तो इसे आरबीआई की ओर से रियल एस्टेट के लिए बेहतर दृष्टिकोण कहा जा सकता है. साथ ही इस फैसले से घर खरीदारों के विश्वास को और ज्यादा मजबूती मिलेगी.मिगसन ग्रुप के डायरेक्टर यश मिगलानी कहते हैं कि रेपो रेट फरवरी 2023 से 6.5 फीसदी के साथ हाई लेवल पर लगातार बनी हुई है. देश की इकोनॉमी में मजबूती बनी हुई है और महंगाई कंट्रोल में है. उम्मीद है कि आरबीआई रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं करेगी और होम बॉयर्स और डेवलपर्स को ध्यान में रखते हुए ही कोई फैसला करेगी.