News18 : Sep 18, 2020, 06:19 AM
नई दिल्ली। कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) अध्यादेश, किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश गुरुवार को लोकसभा (Loksabha) में पारित हो गए हैं। इन विधेयकों का विपक्षी पार्टियों समेत सत्तारूढ़ एनडीए (NDA) के गठबंधन की पार्टी शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) भी कर रही है। अकाली दल केंद्र सरकार से समर्थन वापस लेने के पर सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने कहा है कि वह पार्टी की बैठक में इस बात का फैसला करेगी।
लोकसभा में ये विधेयक पारित होने के बाद शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने गठबंधन के सवाल पर कहा कि हम किसानों के साथ खड़े हैं और उनके लिए कुछ भी करेंगे। हमारी पार्टी का अलगा कदम क्या होगा ये हम पार्टी की बैठक के बाद जल्द ही बताएंगे। बादल ने हरसिमरत कौर के इस्तीफे को लेकर कहा कि शिरोमणि अकाली दल किसानों और उनके कल्याण के लिए कोई भी त्याग करने को तैयार है।हरसिमरत कौर ने इस्तीफे के बाद कही ये बातअकाली दल की नेता और केंद्रीय कैबिनेट में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने गुरुवार को इन्हीं अध्यादेशों के विरोध में मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद हरसिमरत कौर ने कहा मैं उस सरकार का हिस्सा नहीं रहना चाहती जो किसानों की आशंकाओं को दूर किये बिना कृषि क्षेत्र से जुड़े विधेयक लेकर आयी। इस्तीफे के बाद हरसिमरत कौर ने कहा कि हजारों किसान सड़कों पर हैं। मैं उस सरकार का हिस्सा नहीं रहना चाहती जो कि किसानों की परेशानियों का हल सुझाए बिना ही सदन में बिल पास करा लेती है। इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया।बता दें शिरोमणि अकाली दल के लोकसभा में दो सांसद हैं जबकि राज्यसभा में तीन सांसद हैं।कांग्रेस ने हरसिमरत कौर के इस्तीफे को बताया नाटककांग्रेस ने कृषि संबंधी विधेयकों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की नेता हरसिमरत कौर बादल के केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने को ‘नाटक’ करार देते हुए गुरुवार को सवाल किया कि शिअद ने मोदी सरकार से समर्थन वापस क्यों नहीं लिया। पार्टी महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि हरियाणा के उप मुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेता दुष्यंत चौटाला को भी कम से कम मनोहर लाल खट्टर सरकार से इस्तीफा देना चाहिए।सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘अकाली दल को प्रतीकात्मक दिखावे से आगे बढ़ सच के साथ खड़े होना चाहिए। जब किसान विरोधी अध्यादेश मंत्रीमंडल में पारित हुए तो हरसिमरत जी ने विरोध क्यों नही किया? आप लोकसभा से इस्तीफ़ा क्यों नही देते? अकाली दल मोदी सरकार से समर्थन वापिस क्यों नही लेता? प्रपंच नही, किसान का पक्ष लें।’’
लोकसभा में ये विधेयक पारित होने के बाद शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने गठबंधन के सवाल पर कहा कि हम किसानों के साथ खड़े हैं और उनके लिए कुछ भी करेंगे। हमारी पार्टी का अलगा कदम क्या होगा ये हम पार्टी की बैठक के बाद जल्द ही बताएंगे। बादल ने हरसिमरत कौर के इस्तीफे को लेकर कहा कि शिरोमणि अकाली दल किसानों और उनके कल्याण के लिए कोई भी त्याग करने को तैयार है।हरसिमरत कौर ने इस्तीफे के बाद कही ये बातअकाली दल की नेता और केंद्रीय कैबिनेट में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने गुरुवार को इन्हीं अध्यादेशों के विरोध में मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद हरसिमरत कौर ने कहा मैं उस सरकार का हिस्सा नहीं रहना चाहती जो किसानों की आशंकाओं को दूर किये बिना कृषि क्षेत्र से जुड़े विधेयक लेकर आयी। इस्तीफे के बाद हरसिमरत कौर ने कहा कि हजारों किसान सड़कों पर हैं। मैं उस सरकार का हिस्सा नहीं रहना चाहती जो कि किसानों की परेशानियों का हल सुझाए बिना ही सदन में बिल पास करा लेती है। इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया।बता दें शिरोमणि अकाली दल के लोकसभा में दो सांसद हैं जबकि राज्यसभा में तीन सांसद हैं।कांग्रेस ने हरसिमरत कौर के इस्तीफे को बताया नाटककांग्रेस ने कृषि संबंधी विधेयकों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की नेता हरसिमरत कौर बादल के केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने को ‘नाटक’ करार देते हुए गुरुवार को सवाल किया कि शिअद ने मोदी सरकार से समर्थन वापस क्यों नहीं लिया। पार्टी महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि हरियाणा के उप मुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेता दुष्यंत चौटाला को भी कम से कम मनोहर लाल खट्टर सरकार से इस्तीफा देना चाहिए।सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘अकाली दल को प्रतीकात्मक दिखावे से आगे बढ़ सच के साथ खड़े होना चाहिए। जब किसान विरोधी अध्यादेश मंत्रीमंडल में पारित हुए तो हरसिमरत जी ने विरोध क्यों नही किया? आप लोकसभा से इस्तीफ़ा क्यों नही देते? अकाली दल मोदी सरकार से समर्थन वापिस क्यों नही लेता? प्रपंच नही, किसान का पक्ष लें।’’