नई दिल्ली जबसे किसान बिल आया है तबसे ही BJP ओर SAD के बिच अनबन चालु हो गयी है, अकालीदल शुरु से हि किसान बिल का विरोध कर रहा है उसी के चलते मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्रालय से भी अपना इस्तीफा दे दिया। ओर अब अकाली दल ने BJP से किनार कर ली है ओर 23 साल के इस साथ को अलविदा कह दिया है अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि यह फैसला सबने साथ मिलकर लिया है। इस गठबंधन के टुटने से BJP ने शिवसेना के बाद सबसे बड़े सहयोगी को खो दिया है।अकाली दल ओर BJP दोनो को ही दो दशक पुराना रिश्ता था जो की साल 1992 में एक दुसरे के साथ आया था, लेकिन अब जब इतना पुराना ऱिश्ता टुटा है तो देखना ये है की BJP के लिए ये कितना खतना साबित होता है
दोनों पार्टियों ने 1997 में साथ में लड़ा था पहला चुनावबीजेपी और अकाली दल 1996 में अकाली दल के मोगा डेक्लरेशन नाम के एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद साथ आए। जिसके बाद ही पहली बार दोनों ने मिलकर 1997 में चुनाव लड़ा। तभी से यह रिश्ता चला आ रहा था। बता दें कि मोगा डेक्लरेशन एक तरह का समझौता पत्र था, जिसमें विजन को लेकर तीन प्रमुख बातों पर जोर था- पंजाबी पहचान, आपसी भाईचारा और राष्ट्रीय सुरक्षा। दरअसल 1984 के बाद से ही माहौल बहुत खराब हो गया था तो ऐसे में इन मूल्यों के साथ दोनों पार्टियों ने हाथ मिलाया था।
दोनों पार्टियों ने 1997 में साथ में लड़ा था पहला चुनावबीजेपी और अकाली दल 1996 में अकाली दल के मोगा डेक्लरेशन नाम के एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद साथ आए। जिसके बाद ही पहली बार दोनों ने मिलकर 1997 में चुनाव लड़ा। तभी से यह रिश्ता चला आ रहा था। बता दें कि मोगा डेक्लरेशन एक तरह का समझौता पत्र था, जिसमें विजन को लेकर तीन प्रमुख बातों पर जोर था- पंजाबी पहचान, आपसी भाईचारा और राष्ट्रीय सुरक्षा। दरअसल 1984 के बाद से ही माहौल बहुत खराब हो गया था तो ऐसे में इन मूल्यों के साथ दोनों पार्टियों ने हाथ मिलाया था।