PM Modi Visit To Vidarbha / PM मोदी क्या बीजेपी के दरकते दुर्ग को विदर्भ दौरे से मजबूत कर पाएंगे?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की सियासी गर्मी बढ़ रही है, खासकर विदर्भ में, जो कांग्रेस का गढ़ रहा है। पीएम मोदी आज वर्धा में जनसभा करेंगे और 'पीएम विश्वकर्मा' कार्यक्रम समेत कई योजनाओं का शुभारंभ करेंगे। बीजेपी ने 2024 में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पूरी ताकत झोंकी है।

Vikrant Shekhawat : Sep 20, 2024, 11:40 AM
PM Modi Visit To Vidarbha: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की सियासी तपिश लगातार बढ़ती जा रही है, खासकर विदर्भ क्षेत्र में। यह क्षेत्र सदियों से कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है। आपातकाल के बाद भी विदर्भ के लोगों ने कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ा। पिछले दशक में भाजपा ने यहां अपनी जड़ें जमाने में सफलता हासिल की, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में उसकी स्थिति कमजोर हुई, जो अब विधानसभा चुनावों पर भी असर डाल रही है।

पीएम मोदी का वर्धा दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को वर्धा में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। इस जनसभा में वह ‘पीएम विश्वकर्मा’ कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों को प्रमाण पत्र और लोन जारी करेंगे। इसके अलावा, वह आचार्य चाणक्य कौशल विकास योजना और पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर महिला स्टार्ट-अप योजना की भी शुरुआत करेंगे। इन योजनाओं के माध्यम से मोदी विदर्भ के युवा और महिला उद्यमियों को सशक्त करने का प्रयास कर रहे हैं।

सियासी समीकरण में बदलाव

हाल के लोकसभा चुनावों में विदर्भ के सियासी समीकरण में बदलाव ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। 10 लोकसभा सीटों में से भाजपा को केवल दो सीटें मिली, जबकि कांग्रेस ने पांच सीटें जीतीं। यह स्थिति भाजपा के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई है, और इसे सुधारने के लिए पीएम मोदी ने खुद ही मोर्चा संभालने का निर्णय लिया है।

किसान और कांग्रेस का समर्थन

विदर्भ में सोयाबीन और कपास के किसानों में सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ी है। इससे कांग्रेस को फायदा मिल रहा है, जिसने किसानों के मुद्दों को अपनी चुनावी रणनीति का हिस्सा बना लिया है। 2019 के विधानसभा चुनावों में भी भाजपा को 15 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था, जो इस बार और बढ़ सकता है।

दलित मतदाता और कांग्रेस का पुनरुत्थान

विदर्भ में दलित, किसान और आदिवासी मतदाता सियासी समीकरण को निर्धारित करते हैं। कांग्रेस ने दलितों के मुद्दों को अपने चुनावी अभियान में शामिल किया है, जिसके चलते भाजपा के लिए इस क्षेत्र में स्थिति संभालना चुनौतीपूर्ण हो गया है। राहुल गांधी ने दलित समुदाय को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की है, जिससे कांग्रेस का प्रभाव बढ़ रहा है।

विदर्भ का सियासी महत्व

विदर्भ की सियासत की अपनी एक पहचान है, और यह क्षेत्र हमेशा से कांग्रेस के प्रभाव में रहा है। नागपुर, जो विदर्भ का सबसे बड़ा शहर है, भाजपा के नेताओं के लिए भी महत्वपूर्ण है। यहां से डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आते हैं। ऐसे में भाजपा के लिए विदर्भ की सियासी अहमियत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

निष्कर्ष

2024 का विधानसभा चुनाव विदर्भ में भाजपा के लिए एक बड़ा परीक्षण बनता जा रहा है। किसानों की नाराजगी, दलित समुदाय का समर्थन और कांग्रेस की रणनीतियां भाजपा की चुनौतियों को बढ़ा रही हैं। पीएम मोदी का वर्धा दौरा और विभिन्न योजनाओं की शुरुआत भाजपा के लिए सियासी समीकरण को दुरुस्त करने का प्रयास है, लेकिन चुनावी मैदान में कांग्रेस की मजबूती भाजपा की नींद उड़ा सकती है। इस प्रकार, विदर्भ की सियासत की हर बारीकियों पर नजर रखना आवश्यक होगा।