- भारत,
- 07-Mar-2025 10:52 AM IST
Tesla in India: एलन मस्क लंबे समय से भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला की एंट्री की योजना बना रहे हैं। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब उनकी यह योजना जल्द ही साकार हो सकती है। भारत में टेस्ला के स्टोर खोलने और नौकरी के पोस्टर्स जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन इस राह में एक बड़ी बाधा अभी भी मौजूद है—भारत का उच्च आयात शुल्क (टैरिफ)।
टैरिफ कटौती पर विचार कर रही है भारत सरकारइकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ऑटोमोबाइल आयात पर लगने वाले टैरिफ में संभावित कटौती पर विचार कर रही है, लेकिन इसे पूरी तरह खत्म करने से अभी हिचकिचा रही है। फिलहाल, भारत में अन्य देशों से आयातित कारों पर 110% तक का टैरिफ लगाया जाता है, जिसे एलन मस्क ने ‘सबसे अधिक’ बताया था। इसी उच्च शुल्क के कारण टेस्ला ने पहले भारतीय बाजार में प्रवेश करने की योजना को स्थगित कर दिया था। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार है, और यह मस्क की योजना के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकता है।अमेरिका और भारत के बीच व्यापार वार्तारॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के ऑटोमोबाइल टैरिफ को लेकर अमेरिका और भारत के बीच जल्द ही औपचारिक वार्ता हो सकती है। अमेरिकी सरकार चाहती है कि भारत प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत ऑटोमोबाइल आयात पर टैरिफ को पूरी तरह समाप्त कर दे। यदि भारत इस मांग को मान लेता है, तो इससे टेस्ला को भारतीय बाजार में प्रवेश करने में बहुत मदद मिलेगी।टेस्ला की एंट्री होगी आसान?अगर भारत अपने ऑटोमोबाइल टैरिफ को पूरी तरह खत्म कर देता है, तो इससे टेस्ला और अन्य ईवी (EV) कंपनियों की कारें भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अधिक सुलभ और किफायती हो जाएंगी। उदाहरण के लिए, टेस्ला की सबसे किफायती कार, जिसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत 20,000 डॉलर (करीब 16.5 लाख रुपये) है, भारत में वर्तमान टैरिफ की वजह से लगभग दोगुनी महंगी हो जाती है। यदि टैरिफ हटा दिया जाता है, तो यह कार भारतीय बाजार में 20 लाख रुपये से भी कम में उपलब्ध हो सकती है।भारत पर अमेरिका लगा सकता है जवाबी टैरिफहाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत कई देशों पर ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ लगाने की घोषणा की है, जो अगले महीने 2 अप्रैल से लागू हो सकता है। ट्रंप ने कहा है कि भारत अमेरिकी ऑटोमोबाइल पर 100% से भी अधिक टैरिफ लगाता है, और इसके जवाब में अमेरिका भी भारत पर समान टैरिफ लगा सकता है। यदि यह टैरिफ नीति लागू होती है, तो भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संतुलन प्रभावित हो सकता है।भारत-अमेरिका व्यापार नीति का भविष्यभारत सरकार को अब यह तय करना होगा कि वह अपने टैरिफ नीति में कितनी ढील दे सकती है। यदि भारत अपने आयात शुल्क को आंशिक रूप से भी कम करता है, तो यह टेस्ला और अन्य अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए एक बड़ा अवसर होगा। लेकिन अगर भारत अपने टैरिफ में कोई बदलाव नहीं करता है, तो अमेरिका के संभावित जवाबी टैरिफ के कारण व्यापार संबंधों में नई चुनौतियां पैदा हो सकती हैं।निष्कर्षभारत में टेस्ला की एंट्री अब लगभग तय मानी जा रही है, लेकिन टैरिफ से जुड़ी बाधाएं अभी भी बनी हुई हैं। अगर भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ती है, तो भारतीय उपभोक्ताओं को जल्द ही टेस्ला की ईवी कारें सस्ती दरों पर मिल सकती हैं। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत सरकार इस मामले में क्या फैसला लेती है और इससे भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों पर क्या असर पड़ता है।