US Tariff Reaction: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एल्युमीनियम और स्टील के आयात पर बढ़ाए गए टैरिफ के खिलाफ वैश्विक व्यापार साझेदारों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की है। कई देशों ने अमेरिकी उत्पादों पर नए और कड़े टैक्स लगा दिए हैं, जिससे वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ गया है।
कनाडा की प्रतिक्रिया
अमेरिका को स्टील और एल्युमीनियम के सबसे बड़े सप्लायर कनाडा ने घोषणा की है कि वह स्टील उत्पादों पर 25% जवाबी टैरिफ लगाएगा। इसके अलावा, कनाडा ने उपकरण, कंप्यूटर और सर्वर, डिस्प्ले मॉनिटर, खेल उपकरण और कच्चे लोहे के उत्पादों सहित कई अन्य वस्तुओं पर भी टैक्स बढ़ाने की योजना बनाई है। इस कदम से अमेरिकी कंपनियों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
यूरोपीय यूनियन (EU) की प्रतिक्रिया
यूरोपीय यूनियन (EU) ने भी अमेरिकी बीफ, मुर्गी पालन उत्पादों, बॉर्बन, मोटरसाइकिल, पीनट बटर और अन्य कमोडिटी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने का निर्णय लिया है। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि इस कदम से अमेरिका और यूरोप दोनों में कीमतें बढ़ेंगी और नौकरियां प्रभावित होंगी। उन्होंने कहा, “हमें इस फैसले पर गहरा अफसोस है। टैरिफ व्यापार के लिए बुरे हैं और उपभोक्ताओं के लिए और भी बुरे हैं।”
वैश्विक व्यापार पर प्रभाव
नई टैरिफ दरों से कंपनियों को अरबों डॉलर का नुकसान होने की संभावना है। इससे वैश्विक बाजार में अनिश्चितता बढ़ेगी और व्यापार संतुलन प्रभावित होगा। कंपनियों को या तो अपने मुनाफे में कटौती करनी होगी या फिर उपभोक्ताओं पर बढ़ी हुई लागत डालनी होगी, जिससे आम लोगों की क्रय शक्ति प्रभावित होगी।
कनाडा और अमेरिका के बीच वार्ता की संभावना
कनाडा के भावी प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने बुधवार को कहा कि वह ट्रंप से मिलने के लिए तैयार हैं, बशर्ते वे ‘कनाडाई संप्रभुता के प्रति सम्मान’ दिखाएं और व्यापार के लिए एक साझा व अधिक व्यापक दृष्टिकोण अपनाने को राजी हों। कार्नी शुक्रवार को शपथ लेंगे और उन्होंने विश्वास जताया कि दोनों देशों के आर्थिक और सुरक्षा साझेदारी को पुनः मजबूत किया जा सकता है।
निष्कर्ष
अमेरिकी टैरिफ वृद्धि के खिलाफ वैश्विक प्रतिक्रिया से साफ है कि यह नीति न केवल व्यापार संतुलन को प्रभावित करेगी बल्कि उपभोक्ताओं और कंपनियों के लिए भी आर्थिक संकट पैदा कर सकती है। इससे वैश्विक स्तर पर व्यापारिक संबंधों में अनिश्चितता बढ़ेगी, जिससे बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अब यह देखना होगा कि अमेरिका और उसके प्रमुख व्यापारिक साझेदार इस स्थिति को हल करने के लिए क्या कदम उठाते हैं।