Israel-Iran War: 1 अक्टूबर के हमले के जवाब में इजराइल ने अब ईरान के सैन्य ठिकानों पर घातक हमला किया है, जो पिछले छह महीनों में दूसरा प्रमुख हमला है। देर रात शुरू हुए इस हमले को इजराइल ने "डेज ऑफ रेकनिंग" नाम दिया है। इस ऑपरेशन में इजराइल के लड़ाकू विमानों और मिसाइलों ने तेहरान, खुजेस्तान, और इलम के कम से कम 20 ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के सैन्य अड्डों को निशाना बनाया, जिसमें करीब 200 मिसाइलों का इस्तेमाल हुआ। ईरान के डिफेंस सिस्टम ने कुछ हमलों को रोकने में कामयाबी पाई, लेकिन ईरानी सेना ने हुए नुकसान की पुष्टि की है।
ईरान की प्रतिक्रिया की संभावना और राष्ट्रपति की आपात बैठक
इजराइल के इस आक्रमण के बाद ईरान में पलटवार की आशंका बढ़ गई है। राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर यह स्पष्ट कर दिया है कि ईरान को आत्मरक्षा का अधिकार है। यह संकेत है कि ईरान से किसी भी समय पलटवार हो सकता है। कैस्पियन सागर के निकट ईरानी वायु सेना ने युद्धाभ्यास शुरू किया है, जिसमें IRGC के F-4 और F-14 फाइटर जेट्स को शामिल किया गया है। इसे इजराइल पर संभावित हमले की तैयारी माना जा रहा है।
इजराइल की सख्त चेतावनी
ईरान पर हालिया हमले के बाद इजराइल ने उसे चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर ईरान ने फिर से किसी प्रकार का सैन्य हस्तक्षेप किया, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने चेतावनी दी कि कोई भी हमला या मिसाइल दागने का प्रयास अब सहन नहीं किया जाएगा। इजराइल के हमले में ईस्ट तेहरान के खोजिर में MODAFL के बैलिस्टिक मिसाइल प्लांट और अन्य सैन्य बेस को निशाना बनाया गया है। IDF ने इस दौरान ब्लू स्पैरो बैलिस्टिक मिसाइल का उपयोग किया, जिससे सैन्य ठिकानों पर आक्रमण किया गया।
90 मिनट तक चले हमले
ईरान पर 90 मिनट तक इजराइल के हमले जारी रहे। वेस्ट ईरान के खुजेस्तान पर हुए जोरदार एयर स्ट्राइक में IRGC के कई सैन्य अड्डों को निशाना बनाया गया। लगभग 100 फाइटर जेट्स की मदद से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। इसके अलावा, ईरान की ड्रोन फैक्ट्री पर भी हमला किया गया।
पलटवार की आशंका में इजराइल की तैयारियां
ईरान की संभावित प्रतिक्रिया को देखते हुए इजराइल ने भी अपनी सुरक्षा तैयारियां पूरी कर ली हैं। वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, यह हमला मात्र एक शुरुआती प्रतिक्रिया है। इजराइल की आगे की योजनाओं में ईरान के सैन्य संपत्तियों, मिसाइल संयंत्रों और डिफेंस सिस्टम पर केंद्रित हमले शामिल हो सकते हैं।