Vikrant Shekhawat : Jul 22, 2021, 11:17 AM
अहमदाबाद: गुजरात में कोरोना की वजह से एक मरीज वेंटिलेटर पर अंतिम सांसें गिन रहा है। मगर उसकी पत्नी अपने प्रेम की आखिरी निशानी के तौर पर उससे एक बच्चा चाह रही है। ऐसे में उसने आईवीएफ तकनीक के जरिए उसके स्पर्म से बच्चा पाने की गुहार लगाई, जिस पर गुजरात हाईकोर्ट ने मंजूरी दे दी है। दरअसल, गुजरात हाईकोर्ट ने वडोदरा के एक अस्पताल को कोरोना मरीज के स्पर्म सैंपल के संग्रह के लिए इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF)अथवा असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ART) प्रक्रिया का कंडक्ट करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने यह आदेश उस गुहार के बाद दिया, जिसमें वेंटिलेटर पर अपनी अंतिम सांसे गिन रहे कोरोना मरीज की पत्नी ने उसके स्पर्म से मातृत्व धारण करने की इच्छा जताई थी। हाईकोर्ट ने मंगलवार को 'असाधारण तत्काल स्थिति' मानते हुए आदेश को जारी किया। दरअसल, मरीज की पत्नी ने स्पर्म के सैंपल को सुरक्षित करवाने को लेकर एक याचिका दायर की थी। पत्नी द्वारा दायर एक याचिका की तत्काल सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति आशुतोष जे शास्त्री ने वडोदरा स्थित अस्पताल को उसके नमूने के संग्रह के लिए आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) / एआरटी प्रक्रिया का संचालन करने और इसे मेडिकल एडवाइस के आधार पर उचित स्थान पर संग्रहीत करने का निर्देश दिया। मरीज की पत्नी के के वकील निलय पटेल ने कहा कि याचिकाकर्ता आईवीएफ/एआरटी तकनीक के माध्यम से अपने बच्चे को कंसीव करना चाहती है, मगर अस्पताल इसकी अनुमति नहीं दे रहा था। अस्पताल का कहना था कि सैंपल एकत्रित करने के लिए उसे जब तक अदालत का आदेश नहीं मिल जाता, तब तक वह ऐसा नहीं कर सकता। इसके बाद महिला ने तत्काल याचिका लेकर मंगलवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।