देश / दुनिया की पहली डीएनए कोविड-19 वैक्सीन व नेज़ल वैक्सीन जल्द ही भारत में होगी लॉन्च: पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में बताया कि दुनिया की पहली डीएनए कोविड-19 वैक्सीन और नेज़ल वैक्सीन जल्द ही भारत में लॉन्च होगी। उन्होंने कहा, "आज देश के पास 18 लाख आइसोलेशन बेड, 5 लाख ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड और 1.40 लाख आईसीयू बेड हैं। 90,000 बेड विशेष तौर पर बच्चों के लिए हैं।"

Vikrant Shekhawat : Dec 26, 2021, 07:47 AM
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने संबोधन में ऐलान किया है कि जल्दी कोरोना की नेजल वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी। यह वैक्सीन नाक से जरिए लगेगी। नेजल वैक्सीन फिलहाल क्लिनिकल ट्रायल में है और इसे भारत बायोटेक द्वारा विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा कोरोना की पहली डीएनए वैक्सीन भी जल्दी ही लगनी शुरू हो जाएगी, जिसे लगाने के लिए सुई का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

क्या है नेजल वैक्सीन

नेजल वैक्सीन की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे नाक से दिया जाता है। इसमें इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती। यह वैक्सीन नाक के अंदरुनी हिस्सों में प्रतिरोधक क्षमता तैयार करती है। चूंकि ज्यादातर वायरस जनित बीमारियों में संक्रमण का रूट नाक ही होता है। ऐसे में नाक से टीका लगाने से संक्रमण को रोकने में ज्यादा मदद मिलती है। ओमीक्रोन के खतरे को देखते हुए भारत में नेजल वैक्सीन के निर्माण पर काम तेज कर दिया गया है।

बीते दिनों भारत बायोटेक ने इंट्रानैसल कोविड वैक्सीन की बूस्टर डोज के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को फेस 3 क्लीनिकल ट्रायल आवेदन दिया है। कोवैक्सीन और कोविशील्ड की वैक्सीन लगा चुके लोगों को इसकी बूस्टर डोज दी जा सकती है।

कोरोना का पहला डीएनए वैक्सीन

वहीं इसके अलावा जायडस कैडिला कंपनी द्वारा विकसित कोरोना की पहली डीएनए वैक्सीन भी बाजार में आने के लिए तैयार है। इस वैक्सीन के 28-28 दिन के अंतराल पर तीन डोज लगेंगे। 18 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति यह वैक्सीन लगवा सकेगा। इस वैक्सीन को लगाने के लिए इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। फार्माजेट तरीके से लगाया जाने वाला यह वैक्सीन कोरोना का पहला प्लासमिड डीएनए वैक्सीन है।