Navratri 2020 / शारदीय नवरात्रि का आज आखिरी दिन, करे मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा और अर्चना

आज शारदीय नवरात्रि का आखिरी दिन है। इस दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री रूप की पूजा की जाती है और अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि मां सिद्धिदात्री की विधिवत पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसे प्रसिद्धि, शक्ति और धन की प्राप्ति होती है। माँ सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है।

Vikrant Shekhawat : Oct 25, 2020, 08:02 AM
Delhi: आज शारदीय नवरात्रि का आखिरी दिन है। इस दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री रूप की पूजा की जाती है और अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि मां सिद्धिदात्री की विधिवत पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसे प्रसिद्धि, शक्ति और धन की प्राप्ति होती है। माँ सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है।


माँ सिद्धिदात्री का स्वरूप ऐसा है।

शास्त्रों के अनुसार, मां सिद्धिदात्री महालक्ष्मी की तरह कमल पर विराजमान हैं। मां के चार हाथ हैं। माँ अपने हाथों में शंख, गदा, कमल का फूल और एक पहिया रखती हैं। माँ सिद्धिदात्री को माँ सरस्वती के रूप में भी माना जाता है।


माँ सिद्धिदात्री के ये 8 सिद्धांत हैं

माँ सिद्धिदात्री की 8 सिद्धियाँ, महिमा, प्राप्ति, स्तुत्य, गरिमा, लघिमा, इशिता और वशिष्ठ हैं।

माँ सिद्धिदात्री का भोग

ऐसा माना जाता है कि माँ सिद्धिदात्री को मौसमी फल, चना, पूड़ी, खीर, नारियल और हलवा बहुत पसंद है। कहा जाता है कि वह इन चीजों को मां को अर्पित कर खुश हैं।


नवरात्रि के नौवें दिन का शुभ रंग

नवरात्रि की नवमी तिथि पर बैंगनी या बैंगनी रंग पहनना शुभ होता है। यह रंग आध्यात्मिकता का प्रतीक है।


नवमी तिथि पर कन्या पूजन बहुत अच्छा होता है-

ज्योतिषियों के अनुसार, नवमी तिथि पर कन्या पूजन करना बहुत अच्छा माना जाता है। कहा जाता है कि नवरात्रि के अंतिम दिन कन्या पूजन करने से मां सिद्धिदात्री प्रसन्न होती हैं।



मां सिद्धिदात्री मंत्र-

वन्दे वांछित मनोरथार्थ चन्द्रार्घकृत शेखराम्।

कमलस्थितां चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्वनीम्॥

सिद्धगंधर्वयक्षाद्यै:, असुरैरमरैरपि।

सेव्यमाना सदा भूयात्, सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।