Vikrant Shekhawat : Oct 21, 2020, 07:26 AM
Shardiya Navratri 2020/Navratri Fifth Day:आज नवरात्रि 2020 का पांचवा दिन है यानि आज पंचमी तिथि है। आज भक्त मां स्कंदमाता की पूजा कर रहे हैं। स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता होने के कारण उन्हें स्कंदमाता कहा गया है। भगवान स्कंद बालरूप में उनकी गोद में विराजमान हैं। माँ के दोनों हाथों में कमल के फूल के साथ चार भुजाएँ हैं। देवी स्कंदमाता के एक हाथ में कार्तिकेय हैं और दूसरे हाथ से वे अपने भक्तों को आशीर्वाद दे रही हैं। यह कहा गया है कि देवी स्कंदमाता की कृपा के कारण, कालिदास द्वारा रघुवंशम महाकाव्य और मेघदूत जैसी रचनाएँ की गई हैं। माँ स्कंदमाता को जौ और बाजरा चढ़ाया जाता है, लेकिन शारीरिक समस्याओं से राहत के लिए माँ को केला भी चढ़ाया जाता है।
अनुष्ठान पूजानवरात्रि के पांचवें दिन सुबह स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें। इसके बाद माता की प्रतिमा को चौकी पर स्थापित कर कलश स्थापित करें। उसी चौकी पर श्री गणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका और सप्त घृत मृत्तिका की स्थापना करें। दक्षिणा, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिन्दूर, दूर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधित शराब, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि आदि करें। हाथ में फूल लेकर, मंत्र का उच्चारण करते हुए m सिंहासनगता नित्यं पद्मश्रीकृत्वा शुभदास्तु, सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी ’का जाप करें। मां की विधिवत पूजा करें, मां की कहानी सुनें और मां की धूप और दीप से आरती करें। उसके बाद मां को केले चढ़ाएं और प्रसाद के रूप में केसर का हलवा चढ़ाकर प्रसाद वितरित करें।
स्कन्दमाता का मंत्र:सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया.शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥संतान प्राप्ति हेतु जपें स्कन्द माता का मंत्र'ॐ स्कन्दमात्रै नम:..'
अनुष्ठान पूजानवरात्रि के पांचवें दिन सुबह स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें। इसके बाद माता की प्रतिमा को चौकी पर स्थापित कर कलश स्थापित करें। उसी चौकी पर श्री गणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका और सप्त घृत मृत्तिका की स्थापना करें। दक्षिणा, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिन्दूर, दूर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधित शराब, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि आदि करें। हाथ में फूल लेकर, मंत्र का उच्चारण करते हुए m सिंहासनगता नित्यं पद्मश्रीकृत्वा शुभदास्तु, सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी ’का जाप करें। मां की विधिवत पूजा करें, मां की कहानी सुनें और मां की धूप और दीप से आरती करें। उसके बाद मां को केले चढ़ाएं और प्रसाद के रूप में केसर का हलवा चढ़ाकर प्रसाद वितरित करें।
स्कन्दमाता का मंत्र:सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया.शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥संतान प्राप्ति हेतु जपें स्कन्द माता का मंत्र'ॐ स्कन्दमात्रै नम:..'