बिज़नेस / महारानी एलिज़ाबेथ-II को पत्र लिखूंगी कि मेरे पति को ऐंटीगा भेजा जाए: मेहुल चोकसी की पत्नी

भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की पत्नी प्रीति ने कहा है कि वह महारानी एलिज़ाबेथ-II को पत्र लिखेंगी और उनसे मामले में हस्तक्षेप करने व उनके पति को डोमिनिका से ऐंटीगा स्थित घर भेजने की अपील करेंगी। उन्होंने कहा, "मैं उन्हें यह बताने जा रही हूं कि उनकी एक प्रजा का अपहरण हुआ है और मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया।"

Vikrant Shekhawat : Jun 05, 2021, 04:12 PM
नई दिल्ली: भगोड़े व्यवसायी मेहुल चोकसी का मामला डोमिनिका में एक अदालत में चल रहा है। इसी बीच मेहुल चोकसी की पत्नी प्रीति ने कहा है कि वह अपने पति को न्याय दिलाने के लिए ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ को पत्र लिखेंगी। जानकारी के मुताबिक मेहुल चोकसी की कानूनी टीम और उसका परिवार उन्हें एंटीगुआ वापस भेजें जाने के लिए याचिका दायर करने की तैयारी कर रहा है।

प्रीति ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वह रानी के लिए एक अपील तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि मैं पत्र के माध्यम से उन्हें बताने जा रही हूं कि मेरे पति का अपहरण कर लिया गया है। जो हमारे मानवाधिकारों के उल्लंघन के अधीन है। उन्होंने कहा कि मैं महारानी एलिजाबेथ से अपील करुँगी कि वो इस मामले में हस्तक्षेप करें। और मेरे पति को एंटीगुआ भेजा जाए। उन्होंने कहा कि मैं महारानी एलिजाबेथ से इसलिए अपील करुँगी क्योंकि वह एटीगुआ और बारबुडा के लिए राज्य की प्रमुख हैं।

प्रीति ने आरोप लगाते हुए कहा कि 23 मई को मेरे पति को भारतीय एजेंसियों के नेतृत्व में एक ऑपरेशन में एंटीगुआ और बारबुडा से अपहरण कर लिया गया था। वही जब उनसे ये सवाल पूछा गया कि क्या रानी से अपील करते हुए वह इस बात का भी जिक्र करेंगी। तो उन्होंने कहा कि यह सब पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में है। हर कोई जानता है कि क्या हुआ था।

प्रीति का यह बयान ऐसे समय में आया है। जब मेहुल चोकसी डोमिनिका में न्यायिक हिरासत में है। और देश के उच्च न्यायालय में उसके बंदी प्रत्यक्षीकरण की सुनवाई अभी लंबित पड़ी है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया था कि मेहुल चोकसी को भारत वापस पाने की कोशिश की जा रही है। विदेश मंत्रालय का ये बयान उस दिन आया था। जब एंटीगुआ एंड बरबुडा के पीएम गेस्टन ब्राउन के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में मेहुल चोकसी को सीधे भारत के हवाले करने का फैसला लिया गया था।

बात दें कि मेहुल चोकसी के परिवार ने 23 मई को एंटीगुआ पुलिस में उसके गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके दो दिन बाद ही डोमिनिका ने घोषणा की कि थी कि उन्हें अवैध रूप से देश में प्रवेश करने के लिए गिरफ्तार किया गया है।

इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मेरा मुवक्किल आरोपी है, दोषी नहीं है । मेरा अनुमान है कि वह निर्दोष साबित होगा। लेकिन इस तरह से उसको गिरफ़्तार करना मानवाधिकारों का उल्लंघन है। इससे पहले भी विजय अग्रवाल ने कहा था कि उनके मुवक्किल को फंसाया गया है।

प्रीति ने भी भारतीय एजेंसियों को जिम्मेदार ठहराया है। प्रीति के अनुसार बारबरा नाम की एक महिला, जो रिनोवेशन उद्योग से होने का दावा करती थी, अक्सर एंटीगुआ आती-जाती रहती थी और मेहुल चोकसी से मिलती थी। 23 मई की शाम को बारबरा ने चोकसी को एंटीगुआ के जॉली हार्बर में बुलाया और उसे अपने साथ एक अपार्टमेंट में जाने के लिए कहा। जिसे खरीदने में उसकी दिलचस्पी थी। उन्होंने कहा कि जब मेहुल चौकसी वहाँ गए तो 8-10 लोगों ने उन्हें बुरी तरह पीटा।और व्हीलचेयर से बांधकर उनके मुँह टेप चिपका दिया था। ये सब उन्हें अगवा कर के डोमिनिका ले जाने के लिए किया गया था।

आपको बता दें कि एंटीगुआ और बारबुडा एक संवैधानिक राजतंत्र और एक राष्ट्रमंडल क्षेत्र है। जिसमें महारानी एलिजाबेथ इसके शासक सम्राट और राज्य के प्रमुख हैं।