कॅटगरी | रोमांस |
निर्देशक | इम्तियाज अली |
कलाकार | कार्तिक आर्यन,सारा अली खान |
रेटिंग | 3/5 |
निर्माता | इम्तियाज अली |
संगीतकार | ईशान छाबड़ा,प्रीतम चक्रवर्ती |
प्रोडक्शन कंपनी | आमिर खान प्रोडक्शंस |
Love Aaj Kal Movie Review: इम्तियाज अली इश्क में डूबे कैरेक्टर और इश्क में रंगी अनोखी कहानियां कहते हैं। 2009 में वह 'लव आज कल' लेकर आए थे और इसमें सैफ अली खान (Saif Ali Khan) और दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) लीड रोल में थे। ऋषि कपूर फिल्म में कहानी सुनाते हैं। यानी दो दौर का इश्क और मिजाज। अब 2020 में एक और 'लव आज कल' लेकर आए हैं। इम्तियाज अली की यह 'लव आज कल' भी पुरानी फिल्म जैसी ही है। न सिर्फ सारा अली खान (Sara Ali Khan) और कार्तिक आर्यन (Kartik Aaryan) की फिल्म का नाम पुरानी फिल्म पर है बल्कि कहानी भी पुरानी जैसी ही है। इस तरह इम्तियाज अली टाइटल से लेकर कहानी के मामले तक दर्शकों को कुछ भी फ्रेश देने में असफल रहे हैं।
'लव आज कल (Love Aaj Kal)' की कहानी सारा अली खान, आरुषि शर्मा और कार्तिक आर्यन की है। फिल्म दो दौर की प्रेम कहानी है, जिसमें सारा अली खान हैं जो कमिटमेंट से दूर भागती हैं तो दूसरी ओर कार्तिक आर्यन हैं जिन्हें सारा पूरी चाहिए। वहीं एक पुराना दौर और छोटे शहर की कहानी है। जिसमें कार्तिक आर्यन हैं और आरुषि शर्मा के साथ उनके भी पेंच लड़ते हैं। पूरी तरह से पुरानी फिल्म के ढर्रे पर गढ़ी गई है। फिल्म के न तो फर्स्ट हाफ में दम है और न ही सेकंड हाफ में। हालांकि रघु और लीना की स्टोरी थोड़ी अच्छी लगती है। डायरेक्शन के मोर्चे पर इम्तियाज अली एकदम एवरेज है।
एक्टिंग के मामले में भी 'लव आज कल (Love Aaj Kal Movie Review) बहुत हौसले नहीं बढ़ाती है। सारा अली खान इम्प्रेसिव नहीं हैं। कई सीन्स में वह बहुत ज्यादा लाउड लगती हैं, और यहां उनके एक्टिंग स्किल्स पर सवालिया निशान लगता है। जोई के किरदार में सारा बिल्कुल भी असर नहीं छोड़ पाती हैं। वहीं कार्तिक आर्यन रघु बनते हैं तो अच्छे लगते हैं लेकिन वीर दिल में उतरता नहीं है। इस तरह इस बार कार्तिक आर्यन थोड़ा चूकते नजर आते हैं। नई एक्ट्रेस आरुषि शर्मा का ठीक-ठाक काम है। रणदीप हुड्डा की अच्छी एक्टिंग है, और वह बहुत कम रोल होते हुए भी दिल जीतते हैं।
'लव आज कल (Love Aaj Kal Movie Review)' का म्यूजिक अच्छा है और कुछ गाने दिल को छूते हैं। लेकिन कहानी में नयेपन का अभाव है। एक्टिंग काफी कमजोर है। डायरेक्शन के मामले में भी कुछ यूनिक नहीं है। फिल्म को देखकर न इश्क की तपिश, न अदाकारी का जुनून ही महसूस होता है।