हीरोपंती 2

Apr 29, 2022
कॅटगरी रोमांटिक ड्रामा,एक्शन
निर्देशक अहमद खान
कलाकार टाइगर श्रॉफ,तारा सुतारिया,नवाजुद्दीन सिद्दीकी
रेटिंग 2/5
निर्माता साजिद नाडियाडवाला
संगीतकार ए आर रहमान
प्रोडक्शन कंपनी नाडियाडवाला ग्रैंडसन एंटरटेनमेंट

सार

टाइगर श्रॉफ की फिल्म 'हीरोपंती 2' रिलीज हो गई है। इस फिल्म में टाइगर के साथ तारा सुतारिया नजर आई हैं। आइए आपको इस फिल्म का रिव्यू बताते हैं।


विस्तार

साजिद नाडियाडवाला अगुआ हैं हिंदी सिनेमा के दर्शकों के बौद्धिक विकास को समझ पाने में विफल रहने वाले निर्माताओं की मात खाती टोली के। दर्शक ‘आरआरआर’ और ‘केजीएफ 2’ में आनंद ले रहे हैं, साजिद अपनी आठ साल पुरानी फिल्म ‘हीरोपंती’ का सीक्वेल ऐसा बना रहे हैं कि दर्शक फिल्म देखकर निकलने के बाद अपना सिर धुन रहे हैं। और, ये तब हो रहा है जब सीक्वेल के सहारे साउथ वाले करोड़ों की कमाई करते जा रहे हैं। साजिद नाडियाडवाला शुरू से ‘प्रोजेक्ट’ ही बनाते रहे हैं। उनके फेंके पत्ते सही भी पड़ते रहे हैं। एक सुपरस्टार। एक सुंदर नायिका। खूबसूरत लोकेशन्स। तड़कता भडकता संगीत। और, हॉलीवुड फिल्मों से उड़ाए गए एक्शन सीन्स। साजिद की फिल्ममेकिंग की ‘रेसिपी’ यही है। लेकिन, पहले फिल्म ‘बच्चन पांडे’ का जो हश्र हुआ और अब ‘हीरोपंती 2’ का जो होने जा रहा है, उससे शायद साजिद का सिनेमा भी बदले।


निर्माता ने लिखी खोखली कहानी

फिल्म ‘हीरोपंती 2’ इसकी कड़ी पहली फिल्म ‘हीरोपंती’ से जुड़ती है कहानी के नायक बबलू राणावत के चलते। वह एथिकल हैकर है या इसका गेम खेल रहा है, ये जानना आपके लिए जरूरी भी नहीं है और न ही ये जरूरी है कि फिल्म का/की विलेन लैला ने सारे देशवासियों के खाते 31 मार्च को ही खाली कर देने का ख्याल आखिर 21वीं सदी के 22 साल बीतने के बाद सोचा भी कैसे होगा। लेकिन, कहानी खुद फिल्म के निर्माता ने लिखी हो तो भला किसकी मजाल जो कहानी पर उंगली उठाए। रजत अरोरा का नाम पोस्टर पर जाने से भी फिल्म की ब्रांड वैल्यू बढ़ती है, लेकिन संवाद उनसे पूरी फिल्म में एक भी ढंग का ना लिखा गया। लैला की बहन से बबलू की आशिकी है। पूरी कहानी ऐसी है कि दर्शक आंख मूंदकर बता सकता है कि इस सीन के बाद क्या होगा!


अहमद का बेहद खराब निर्देशन

फिल्म ‘हीरोपंती 2’ के निर्देशन की कमान इस बार अहमद खान के पास है। कोरियोग्राफर वह ठीकठाक रहे हैं। फिल्म भी उन्होंने कोरियोग्राफी वाली स्टाइल में ही बनाई है। तीन चार गानों और दर्जन भर लड़ाइयों की कोरियोग्राफी के बीच वह कहानी का चूरन छिड़कते रहे हैं। पूरी फिल्म का कोई निर्देशक है भी, ये सिर्फ वहीं लगता है जब बबलू और उसकी मां के सीन आते हैं। ये सीन इतने लंबे हैं कि समझ आने लगता है कि वाकई फिल्म में कोई निर्देशक है और वह अहमद खान हैं। हिंदी की फिल्मों से निकला मां बेटे की ममता वाला दक्षिण की फिल्मों में खूब हिट हो रहा है। ये एंगल अरसे बाद हिंदी में लाने की ऐसी बेतरतीब कोशिश साजिद की फिल्म में ही हो सकती है।


टाइगर श्रॉफ की चमक गायब

कथा, पटकथा और निर्देशन में मात खाने के बाद फिल्म ‘हीरोपंती 2’ में ले देकर कुछ देखने की उम्मीद बंधती है तो वह होती है टाइगर श्रॉफ और नवाजुद्दीन सिद्दीकी से। तारा सुतारिया से अभिनय की उम्मीद लेकर तो शायद ही कोई दर्शक सिनेमाहॉल में आया हो। और, उनका रोल भी इसीलिए फिल्म बनाने वालों ने इन उम्मीदों पर बिल्कुल खरा उतरते हुए उतना ही रखा। टाइगर श्रॉफ को इस फिल्म में देखकर लगता है कि वह अपने पिता जैकी श्रॉफ की तरह अपना करियर खुद ही तबाह करने निकल पड़े हैं। खुद को सुपरस्टार समझने के बाद कैमरे के सामने एक्टिंग में नया कुछ करने की कोशिशें जैकी ने भी बंद कर दी थीं। टाइगर श्रॉफ भी अपने चिर परिचित डांस और एक्शन के चलते घिसे हुए सिक्के जैसे होते जा रहे हैं।


लैला मैं लैला...

नवाजुद्दीन सिद्दीकी को देखकर समझ आता है कि आखिर वह ऐसी फिल्में क्यों करते हैं। इंटरव्यू में उन्होंने अपने ‘व्हाइट हाउस’ के बारे में बताया भी था। लगता है कि जैसे राजेश खन्ना की अपना बंगला आशीर्वाद खरीदने की कहानियां इन दिनों सुनी जाती हैं, वैसी ही कहानियां नवाज के इस बंगले को लेकर भी लोग सुनाया करेंगे। हाथों में नेलपेंट और गालों पर लाली लगाकर लैला बने नवाजुद्दीन सिद्दीकी ही इस फिल्म को आखिर तक देखने की वजह भी बनते हैं। उनको पता है कि उनके आसपास रायता ज्यादा ही फैल रहा है, लेकिन वह हर फ्रेम में बस अपने काम पर फोकस करते दिखते हैं। किरदारों से प्रयोग करने की ये नवाज की ये नई हद है।


देखें कि न देखें

फिल्म ‘हीरोपंती 2’ को देखें कि न देखें का तो सवाल भी मन में नहीं आना चाहिए। अपनी मेहनत की कमाई कहीं और लगाइए और कुछ न समझ आए तो घर के स्मार्ट टीवी पर ‘डॉक्टर स्ट्रेंज’ फिर से देख डालिए। इसकी सीक्वेल 6 मई को रिलीज होने वाली है।