ऑपरेशन रोमियो (2022)

Apr 22, 2022
कॅटगरी रोमांटिक ड्रामा
निर्देशक शशांत शाह
कलाकार भूमिका चावला,वेदिका पिंटो,शरद केलकर,सिद्धांत गुप्ता
रेटिंग 2/5
निर्माता नीरज पांडे,शीतल भाटिया
संगीतकार एम.एम.कीरवानी
प्रोडक्शन कंपनी फ्राइडे फिल्मवर्क्स

नीरज पांडे का हिंदी सिनेमा में बड़ा नाम रहा है। निर्देशक के तौर पर उन्होंने हिंदी सिनेमा को ‘अ वेडनेसडे’, ‘स्पेशल 26’, ‘बेबी’, ‘एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ और ‘अय्यारी’ जैसी फिल्में दी हैं। निर्माता के तौर पर भी वह ‘रुस्तम’, ‘नाम शबाना’ और ‘मिसिंग’ जैसी फिल्में बनाते रहे हैं। लेकिन, बतौर निर्माता निर्देशक उनकी आखिरी फिल्म ‘अय्यारी’ का दुस्वप्न उनका पीछा नहीं छोड़ रहा। इस एक फिल्म ने नीरज पांडे की ब्रांड वैल्यू पर सिनेबाजार में  जो धब्बा लगाया, उसकी परछाई उनकी नई फिल्म ‘ऑपरेशन रोमियो’ पर भी दिखाई दे रही है। ये फिल्म मलयालम में तीन साल पहले रिलीज हुई सुपरहिट फिल्म ‘इश्क: नॉट ए लव स्टोरी’ की रीमेक है। लेखक अरशद सैयद ने इसे हिंदी सिनेमा के दर्शकों की अनुभूतियों के अनुसार अनूदित करने की कोशिश की है। फिल्म की कहानी है भी अच्छी। लेकिन, हिंदी में इसकी पटकथा इसे एक लंबा और थका देने वाला अनुभव बना देती है।


इस रात की सुबह गड़बड़

फिल्म की कहानी मुंबई में घटती है और ये पृष्ठभूमि ही फिल्म की सबसे बड़ी कमजोर कड़ी है। जो कुछ फिल्म में घटता दिखता है वह मुंबई में होते सोच पाना जरा मुश्किल है। कहानी एक प्रेमी युगल के आपसी प्यार के इसरार, इन्कार और इजहार से शुरू होती है और खत्म वहां होती है जहां एक रात में हुए हादसे को लेकर दोनों के मन में चलती रही उथलपुथल के अपने अपने हिसाब से सोचे गए अंजाम पर खत्म होती है। प्रेमी युगल को एक पुलिसवाला सा दिखना वाला गबरू इंसान ब्लैकमेल करने की कोशिश करता है। साथी उसका अलग खेल खेलता रहता है। किसी तरह ले देकर मामला सुलटता है तो युवती का तंज युवक को बर्दाश्त नहीं होता। वह पूरे मामले की थाह लेने निकलता है तो उसके सामने पूरे मामले का एक अलग ही सच सामने आता है। फिल्म के क्लाइमेक्स में महिला सशक्तीकरण का अजीब सा ट्विस्ट फिल्म देखने में निवेश किए गए समय पर ही सवाल लगा देता है।


रहस्य और रोमांच के संतुलन में विफल

फिल्म ‘ऑपरेशन रोमियो’ विचार के हिसाब से अच्छी फिल्म है। मलयालम में इसने लागत से तीन गुना कमाई की तो जाहिर है कि वहां लोगों को पसंद भी आई होगी। लेकिन, हिंदी में ये फिल्म सिनेमाघरों में जाकर देखने लायक नहीं बन सकी है। ओटीटी पर फिर भी इसे एक बार को देखा जा सकता है। फिल्म की सबसे कमजोर कड़ी जैसा कि मैंने शुरू में ही लिखा, इसकी पटकथा है। ये कहानी रहस्य, रोमांच और अनदेखे की बहुत महीन लकीर पर संतुलन साधने की कोशिश है। फिल्म दो हिस्सों मे बंटी है और इंटरवल से पहले का हिस्सा इसका उत्सुकता तो जगाता है पर माहौल बनाने में बहुत देर कर देता है। इंटरवल के बाद का हिस्सा रोचक है, पर इसमें भी घटनाएं रफ्तार पकड़ते पकड़ते देर कर देती है। देर तक फिल्म एक ही जगह रुकी रहती है।


शरद और भूमिका का अभिनय प्रभावी

‘ऑपरेशन रोमियो’ के नाम पर अलग अलग राज्यों में पुलिस के हाथों प्रेमी युगलों के प्रताड़ित होने की खबरें अक्सर आती हैं। और ऐसी ही सच्ची सी कहानियों पर बनी इस फिल्म में नीरज पांडे ने छोटे परदे के अभिनेता सिद्धांत और म्यूजिक वीडियो में नजर आती रहीं वेदिका पिंटो की नई जोड़ी को बड़े परदे पर पेश किया है। सिद्धांत के अभिनय में फिर भी ताजगी नजर आती है और अगर काबिल निर्देशकों के हाथ वह लगे तो उनका भविष्य भी उज्जवल दिखता है। वेदिका पिंटो के हिस्से खास कुछ आया नहीं है। हां, फिल्म की असल धुरी बने शरद केलकर ने कमाल का काम किया है। शरद के अभिनय के असली रंग हिंदी सिनेमा ने ज्यादा देखे नहीं है। और, फिल्म ‘ऑपरेशन रोमियो’ का सरप्राइज पैकेज हैं भूमिका चावला। ‘तेरे नाम’ की निर्जरा वाली मासूमियत अब भी उनके चेहरे पर बाकी है। अभिनय भी उन्होंने अच्छा किया है।


तकनीकी टीम ने नहीं दिया साथ

फिल्म की पटकथा के अलावा इसकी दूसरी कमजोर कड़ियां हैं, इसका ढीला निर्देशन, चलताऊ गीत, स्टॉक जैसा दिखता संगीत और इसका संपादन। एम एम क्रीम जैसे दिग्गज संगीतकार से फिल्म के निर्देशक शशांत शाह एक भी गाना गुनगुनाने लायक नहीं बनवा पाए। शशांत को अपनी डेब्यू फिल्म के लिए एक ओरीजनल कहानी पर काम करना चाहिए था। मलयालम फिल्म की इस हिंदी रीमेक में वह यूनीवर्सल अपील जैसा कुछ नहीं डाल पाए हैं। यही फिल्म अगर उत्तर भारत के किसी छोटे से शहर की पृष्ठभूमि पर बनी होती तो इसका असर ही कुछ और होता।


देखें कि न देखें

इस हफ्ते रिलीज हुई दोनों नई हिंदी फिल्में रीमेक हैं। शाहिद कपूर की ‘जर्सी’ इसी नाम की तेलुगू फिल्म की रीमेक है और अपनी ओरीजनल फिल्म से तुलना में बाइस बैठती है। जबकि, ‘ऑपरेशन रोमियो’ हिंदी भाषी दर्शकों की अपेक्षाओं पर खरी उतरती नहीं दिखती। फिल्म कुछ ही दिनों में ओटीटी पर आ ही जाएगी, इसे वहीं देखना बेहतर होगा।