News18 : Apr 22, 2020, 08:36 AM
बीजिंग। चीन (China) ने भले ही कोरोना संक्रमण (Coronavirus) पर काफी हद तक काबू पा लिया हो लेकिन इस वायरस (Covid19) से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जो हर दिन वैज्ञानिकों के सामने आ रही है। चीन के वुहान (Wuhan) शहर को इस संक्रमण का केंद्र माना जा रहा है, यहीं लोगों का इलाज कर रहे दो डॉक्टर्स खुद भी संक्रमित हो गए थे। इन दोनों का चेहरा कोरोना संक्रमण के प्रभाव के चलते असामान्य रूप से काला पड़ गया है।मेट्रो यूके की खबर के मुताबिक 42 वर्षीय डॉक्टर यी फेन और डॉक्टर हू वेइफेंग की स्किन का रंग असामान्य रूप से कला पड़ गया है। ये दोनों ही वुहान के हॉस्पिटल में कोरोना पीड़ितों का इलाज कर रहे थे और वहीं से ये दोनों खुद भी संक्रमित हो गए। दोनों ही जनवरी के आखिरी सप्ताह में वुहान सेंट्रल हॉस्पिटल में एडमिट थे और अब इन दोनों की हालत ठीक बताई जा रही है। दोनों को लाइफ सपोर्ट पर रखा गया था, हालांकि जब ठीक होकर दोनों ने आंखे खोली तो खुद को पहचान ही नहीं पाए।आखिर कैसे बदल गया स्किन का रंगडॉक्टर्स के मुताबिक कोरोना के ट्रीटमेंट के दौरान डॉक्टर्स के लिवर को इस वायरस ने काफी नुकसान पहुंचा दिया है। लिवर में खराबी आने का सीधा असर इंसान की त्वचा का रंग बदलने के रूप में दिखाई देता है। चीन की मीडिया के मुतबिक ये दोनों डॉक्टर चीन में कोरोना वायरस के व्हिसल-ब्लोअर ली वेनलियानग के सहयोगी हैं, जिन्हें वायरस के बारे में खुलासा करने के बाद सजा दी गई थी और 7 फरवरी को कोरोना संक्रमण से ही उनकी मौत भी हो गयी थी।स्थानीय टीवी चैनल सीसीटीवी से बात करते हुए डॉ यी ने कहा कि वो काफी हद तक ठीक हो गए हैं और सामान्य रूप से बिस्तर पर जा सकते हैं, लेकिन चलने में सक्षम नहीं हैं। गौरतलब है कि डॉ यी फैन वुहान में हृदय रोग विशेषज्ञ के तौर पर काम करते थे और 39 दिनों तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद उन्होंने कोरोना वायरस पर जीत हासिल की है। डॉ यी ने पत्रकारों से कहा, 'जब मैं पहली बार होश में आया, खासकर जब मुझे अपनी स्थिति के बारे में पता चला, तो मुझे डर लगा। मुझे अकसर बुरे सपने आते थे।'