News18 : Apr 21, 2020, 05:43 PM
नई दिल्ली। गुजरात सरकार (Government of Gujarat) की ओर से दावा किया गया है कि जो लोग कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) मरीज के संपर्क में आए और जिनका पॉजिटिव होना लगभग तय था, उन्हें आयुर्वेदिक और होम्योपैथी की दवाईओं से पॉजिटिव होने से बचाया गया है। सरकार का दावा है कि 6800 एसिमटोमेटिक लोगों को क्वारंटीन में 14 दिनों तक रखा गया और इन दवाइयों का प्रयोग कर उनको ठीक किया गया है। आयुर्वेद और होम्योपैथिक इलाज के बाद उन मरीजों में बेहतरीन नतीजे सामने आए हैं।
6800 एसिमटोमेटिक लोगों को पॉजिटिव होने से बचाया
गुजरात सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अगर कोरोना पीजिटिव लोग अपना कंसेंट देते हैं तो यह प्रयोग उन पर भी किया जा सकता है। गुजरात में अब तक 2066 मामले सामने आ चुके हैं और 77 लोगों की मौत हो चुकी है।बता दें कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए कुछ लोग आयुर्वेद और होम्योपैथी दवाइयों का इस्तेमाल कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने भी इसके लिए एक गाइडलाइन जारी कर रखी है। पिछले दिनों ही गुजरात सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने विशेषज्ञों की सलाह पर एक दिशा-निर्देश जारी किए थे।
पतंजलि ने भी यही दावा किया था
इधर पतंजलि योगपीठ के आयुर्वेदाचार्य और बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने भी पिछले दिनों दावा किया था कि आयुर्वेदिक की दवाओं से न सिर्फ कोविड-19 का शत-प्रतिशत इलाज संभव है, बल्कि इसके संक्रमण से बचने को इन दवाओं का बतौर वैक्सीन भी इस्तेमाल किया जा सकता है।बालकृष्ण के मुताबिक, पतंजलि अनुसंधान संस्थान में इस पर बीते तीन महीने से शोध चल रहे हैं। चूहों पर कई दौर के सफल परीक्षण के बाद यह निष्कर्ष सामने आया है कि अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी और स्वासारि रस का निश्चित अनुपात में सेवन करने से कोरोना संक्रमित व्यक्ति को पूरी तरह स्वस्थ किया जा सकता है।
6800 एसिमटोमेटिक लोगों को पॉजिटिव होने से बचाया
गुजरात सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अगर कोरोना पीजिटिव लोग अपना कंसेंट देते हैं तो यह प्रयोग उन पर भी किया जा सकता है। गुजरात में अब तक 2066 मामले सामने आ चुके हैं और 77 लोगों की मौत हो चुकी है।बता दें कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए कुछ लोग आयुर्वेद और होम्योपैथी दवाइयों का इस्तेमाल कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने भी इसके लिए एक गाइडलाइन जारी कर रखी है। पिछले दिनों ही गुजरात सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने विशेषज्ञों की सलाह पर एक दिशा-निर्देश जारी किए थे।
पतंजलि ने भी यही दावा किया था
इधर पतंजलि योगपीठ के आयुर्वेदाचार्य और बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने भी पिछले दिनों दावा किया था कि आयुर्वेदिक की दवाओं से न सिर्फ कोविड-19 का शत-प्रतिशत इलाज संभव है, बल्कि इसके संक्रमण से बचने को इन दवाओं का बतौर वैक्सीन भी इस्तेमाल किया जा सकता है।बालकृष्ण के मुताबिक, पतंजलि अनुसंधान संस्थान में इस पर बीते तीन महीने से शोध चल रहे हैं। चूहों पर कई दौर के सफल परीक्षण के बाद यह निष्कर्ष सामने आया है कि अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी और स्वासारि रस का निश्चित अनुपात में सेवन करने से कोरोना संक्रमित व्यक्ति को पूरी तरह स्वस्थ किया जा सकता है।