AMAR UJALA : Apr 08, 2020, 09:30 AM
कोरोना महामारी के चलते खुदरा क्षेत्र में करीब 80 हजार कर्मचारियों की छंटनी हो सकती है। उद्योग संगठन आरएआई द्वारा 768 रिटेलरों पर किए गए एक सर्वे में यह बात सामने आई है। देश भर में स्थित इन रिटेलरों के यहां 3,92,963 लोग काम करते हैं।
रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने कोविड-19 के कारोबार और उनके कार्यबल पर असर के आकलन के लिए यह सर्वे कराया गया था। आरएआई ने कहा, ‘छोटे रिटेलर भविष्य में अपने कार्यबल में 30 फीसदी तक कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं मझोले रिटेलरों के लिए यह आंकड़ा 12 फीसदी और बड़े रिटेलरों के लिए यह 5 फीसदी हो सकता है। व्यापक रूप से देखें तो रिटेलर अपने कार्यबल में लगभग 20 फीसदी की कटौती की उम्मीद कर रहे हैँ।’सर्वे के मुताबिक, 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद 95 फीसदी से ज्यादा गैर खाद्य रिटेलरों ने अपने आउटलेट बंद कर दिए हैं और इस अवधि के दौरान व्यावहारिक तौर पर वे कोई राजस्व नहीं मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं बीते साल की तुलना में अगले छह महीनों के दौरान उन्हें महज 40 फीसदी राजस्व मिलने का अनुमान है। वहीं बीते साल की तुलना में खानपान रिटेलरों को अगले छह महीने में 56 फीसदी राजस्व मिलने का अनुमान है।मार्च में 18% घटीं नियुक्ति गतिविधियां
कोरोना के चलते मार्च के दौरान नियुक्ति गतिविधियों में 18% की कमी दर्ज की गई। इसका सबसे ज्यादा असर दिल्ली, चेन्नई और हैदराबाद में देखने को मिला है। नौकरी जॉबस्पीक इंडेक्स के सर्वे में यह बात सामने आई है। जनवरी से ही नियुक्ति गतिविधियों में सुस्ती के संकेत देखने को मिल रहे थे, जब सूचकांक में 5.75% मजबूती देखने को मिली थी और उसके बाद फरवरी में कोई बढ़ोतर नहीं रही थी। मार्च, 2020 में सूचकांक 18 फीसदी घटकर 1,954 रह गया, जबकि मार्च, 2019 में यह 2,378 रहा था।
रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने कोविड-19 के कारोबार और उनके कार्यबल पर असर के आकलन के लिए यह सर्वे कराया गया था। आरएआई ने कहा, ‘छोटे रिटेलर भविष्य में अपने कार्यबल में 30 फीसदी तक कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं मझोले रिटेलरों के लिए यह आंकड़ा 12 फीसदी और बड़े रिटेलरों के लिए यह 5 फीसदी हो सकता है। व्यापक रूप से देखें तो रिटेलर अपने कार्यबल में लगभग 20 फीसदी की कटौती की उम्मीद कर रहे हैँ।’सर्वे के मुताबिक, 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद 95 फीसदी से ज्यादा गैर खाद्य रिटेलरों ने अपने आउटलेट बंद कर दिए हैं और इस अवधि के दौरान व्यावहारिक तौर पर वे कोई राजस्व नहीं मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं बीते साल की तुलना में अगले छह महीनों के दौरान उन्हें महज 40 फीसदी राजस्व मिलने का अनुमान है। वहीं बीते साल की तुलना में खानपान रिटेलरों को अगले छह महीने में 56 फीसदी राजस्व मिलने का अनुमान है।मार्च में 18% घटीं नियुक्ति गतिविधियां
कोरोना के चलते मार्च के दौरान नियुक्ति गतिविधियों में 18% की कमी दर्ज की गई। इसका सबसे ज्यादा असर दिल्ली, चेन्नई और हैदराबाद में देखने को मिला है। नौकरी जॉबस्पीक इंडेक्स के सर्वे में यह बात सामने आई है। जनवरी से ही नियुक्ति गतिविधियों में सुस्ती के संकेत देखने को मिल रहे थे, जब सूचकांक में 5.75% मजबूती देखने को मिली थी और उसके बाद फरवरी में कोई बढ़ोतर नहीं रही थी। मार्च, 2020 में सूचकांक 18 फीसदी घटकर 1,954 रह गया, जबकि मार्च, 2019 में यह 2,378 रहा था।