Gautam Adani News: एशिया के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी गौतम अडानी ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर उन्हें एक विशाल 'रिटर्न गिफ्ट' दिया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट, एक्स पर ट्रंप को बधाई देते हुए अमेरिका में 10 बिलियन डॉलर (84 हजार करोड़ रुपए से अधिक) के निवेश का ऐलान किया है। अडानी का यह कदम अमेरिकी बाजार में निवेश की एक नई दिशा को दर्शाता है और ट्रंप के जीत के बाद भारतीय उद्योगपतियों में बढ़ी उम्मीदों का प्रतीक माना जा रहा है।
ऊर्जा और बुनियादी ढांचे में बड़ा निवेश
गौतम अडानी ने कहा कि जैसे-जैसे भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी गहरी हो रही है, अडानी ग्रुप अमेरिका में ऊर्जा सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह निवेश अमेरिकी ऊर्जा क्षेत्र और बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने में मदद करेगा। साथ ही, इससे अमेरिका में लगभग 15,000 नई नौकरियों के सृजन का लक्ष्य है।हालांकि, अडानी ने अपने इस निवेश के तहत शुरू की जाने वाली परियोजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी है, लेकिन उनका यह कदम ट्रंप की जीत के बाद अमेरिका और भारत के बीच मजबूत व्यापारिक संबंधों की ओर इशारा करता है।
यूरोपीय राजदूतों की मेजबानी
इससे पहले, गौतम अडानी ने यूरोपीय यूनियन, जर्मनी, डेनमार्क और बेल्जियम के राजदूतों को अपने नवीकरणीय ऊर्जा प्रतिष्ठानों का दौरा कराया। गुजरात के खावड़ा में दुनिया के सबसे बड़े रिन्युएबल एनर्जी पार्क और मुंद्रा में भारत के सबसे बड़े पोर्ट और औद्योगिक केंद्र की यह यात्रा अडानी ग्रुप के ग्रीन एनर्जी प्रयासों को प्रदर्शित करती है। खावड़ा का यह रिन्युएबल एनर्जी पार्क, अपनी 30 गीगावॉट की उत्पादन क्षमता के साथ, दुनिया का सबसे बड़ा पार्क बनने की ओर अग्रसर है और इसमें सौर एवं पवन ऊर्जा परियोजनाएं शामिल होंगी।
अडानी ग्रुप की भविष्य की योजनाएं
अडानी ने बताया कि उनकी कंपनी के मुंद्रा पोर्ट पर अत्याधुनिक मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएं हैं, जहां फोटोवोल्टिक पैनल और विंड टर्बाइन का उत्पादन होता है। यह फैसिलिटी भारत के डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्य के तहत 2030 तक 45 गीगावॉट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का हिस्सा है। इसके अलावा, अडानी ने यूरोपीय संघ की जरूरतों को पूरा करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में भी अपनी योजनाओं का खाका प्रस्तुत किया।
निष्कर्ष
गौतम अडानी का यह निवेश न केवल भारत-अमेरिका के रिश्तों को और मजबूती देगा, बल्कि भारतीय उद्यमियों को अमेरिका में नई संभावनाओं के साथ जुड़ने का अवसर भी प्रदान करेगा। ट्रंप की जीत के बाद भारतीय व्यवसायियों में एक नई उम्मीद जागृत हुई है, और अडानी का यह कदम इस दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकता है।