अगले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रम्प व्हाइट हाउस छोड़ देंगे। वे राष्ट्रपति से अमेरिका के आम नागरिक हो जाएंगे। उनका भविष्य क्या होगा, क्या करेंगे, यह इन दिनों चर्चा का विषय है। मूल रूप से बिजनेसमैन ट्रम्प के पास दौलत की कमी पहले से नहीं थी। चुनाव फंड के रूप में आए 1825 करोड़ रुपए भी उनके पास हैं। हालांकि इसमें से 400 करोड़ रुपए नई पॉलिटिकन एक्शन कमेटी को चले जाएंगे, लेकिन फिर भी ट्रंप के पास खर्च करने के लिए भरपूर पैसा है।
ट्रंप के नजदीकियों का कहना है कि जब तक ट्रंप व्हाइट हाउस नहीं छोड़ते, फिलहाल वे ही इस फंड को कंट्रोल करेंगे। इसके बाद वे अपने पैसों का उपयोग पार्टी के विद्रोही गुटों को उकसाने, वफादारों को इनाम देने, अपनी यात्राओं और कर्मचारियों को काम पर रखने के साथ कानूनी बिलों के भुगतान में खर्च कर सकते हैं।
यहां तक कि वे 2024 के चुनावों के लिए जमीनी काम करने में भी खर्च कर सकते हैं। ट्रंप के इन चुनावों में सहयोगी जॉन मैकलॉलिन कहते हैं कि फिलहाल तो ट्रंप ही रिपब्लिकन पार्टी हैं। पार्टी जानती है कि उसने बीते 4 सालों में जो भी फंड जुटाया है, उसके पीछे ट्रंप ही हैं। चुनावों में ज्यादातर भुगतान जैसे टेलीविजन और डिजिटल विज्ञापन, चुपचाप एक मीडिया कसंल्टिंग कंपनी के जरिए ही किया गया। इस कंपनी के जरिए 2019 के बाद से अब तक तकरीबन 5100 करोड़ रुपए भुगतान हुए हैं। इसके पीछे भी वजह पारिवारिक है।
एक दस्तावेज के मुताबिक, ट्रंप की बहू और उनकी कैंपेन एडवाइजर लारा ट्रंप इस कंपनी के बोर्ड मेंबर्स में से एक हैं। इस कंपनी में उपराष्ट्रपति माइक पेंस का भतीजा जॉन भी था। हालांकि ट्रंप के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों ने अक्टूबर 2019 में ही बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था। जो भी हो, ट्रंप के पास इतनी दौलत है कि वे भविष्य में कुछ भी कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें खुद को कानूनी मामलों से बचाकर रखना होगा।
पहले से अकूत दौलत, चुनावी फंड भी उन्हीं के कंट्रोल में
फोर्ब्स के मुताबिक, बीते सितंबर तक ट्रंप की संपत्ति लगभग 4400 करोड़ रुपए थी। ट्रंप के पास अमेरिका और कई देशों में आलीशान होटल और इमारतें हैं। मियामी में उनका गोल्फ रिजॉर्ट है। मैनहट्टन में 350 से ज्यादा पार्किंग स्पेस, फ्लोरिडा में मार-ए-लागो क्लब और पास की तीन संपत्तियां भी उनकी हैं।