Vikrant Shekhawat : Jul 03, 2021, 06:37 AM
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र के जरिए इस्तीफा देने की पेशकश कर दी है। उनकी ओर से पद छोड़ने की पेशकश के बाद अब उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री को लेकर कयास का दौर शुरू हो गया है। हालांकि 2-3 नामों को लेकर चर्चा शुरू भी हो गई है।
सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र दिया है कि वह इस्तीफा देना चाहते हैं। सूत्रों ने इसके पीछे की वजह से संवैधानिक संकट पैदा होना बताया है।तीरथ सिंह रावत ने नड्डा को भेजे अपने पत्र में कहा, 'आर्टिकल 164-ए के हिसाब से उन्हें मुख्यमंत्री बनने के बाद 6 महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य बनना था, लेकिन आर्टिकल 151 कहता है कि अगर विधानसभा चुनाव में एक साल से कम का समय बचता है तो वहां पर उपचुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। उतराखंड में संवैधानिक संकट न खड़ा हो, इसलिए मैं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना चाहता हूं।' बीजेपी के लिए 2 मापदंड होंगे जरुरी!तीरथ सिंह रावत के जाने के बाद पार्टी आलाकमान को राज्य के नए नेता के नाम का ऐलान करना होगा। हालांकि कहा जा रहा है कि यहां पर किसी राजपूत या सिंह जाति के नेता को ही मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। साथ ही पार्टी इस पर ध्यान देगी कि नया नेता विधानसभा का सदस्य हो ताकि फिर से संवैधानिक संकट की स्थिति का सामना नहीं करना पड़े।फिलहाल नए मुख्यमंत्री को लेकर दो नामों पर चर्चा तेज हो गई है और ये नाम हैं सतपाल सिंह और धनसिंह रावत। सतपाल सिंह राज्य के बड़े नेताओं में शुमार किए जाते हैं जबकि धनसिंह का नाम पिछली बार भी चर्चा में आया था लेकिन तीरथ सिंह रावत से आगे आने से पिछड़ गए थे।उत्तर प्रदेश की तरह उत्तराखंड में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को दिल्ली तलब किया गया था। उनके अलावा, बीजेपी के दो वरिष्ठ नेता सतपाल महाराज और धन सिंह रावत को भी दिल्ली बुलाया गया है।वर्तमान विधानसभा के कार्यकाल में त्रिवेंद्र सिंह रावत करीब चार साल तक मुख्यमंत्री रहे लेकिन तीरथ सिंह रावत को अभी सिर्फ चार महीने ही मुख्यमंत्री बने हुआ है और अब उन्हें इस्तीफा देना पड़ रहा है। वर्तमान समय में वह पौड़ी लोकसभा सीट से सांसद हैं और मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उन्हें विधानसभा का सदस्य बनना जरुरी है।
सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र दिया है कि वह इस्तीफा देना चाहते हैं। सूत्रों ने इसके पीछे की वजह से संवैधानिक संकट पैदा होना बताया है।तीरथ सिंह रावत ने नड्डा को भेजे अपने पत्र में कहा, 'आर्टिकल 164-ए के हिसाब से उन्हें मुख्यमंत्री बनने के बाद 6 महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य बनना था, लेकिन आर्टिकल 151 कहता है कि अगर विधानसभा चुनाव में एक साल से कम का समय बचता है तो वहां पर उपचुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। उतराखंड में संवैधानिक संकट न खड़ा हो, इसलिए मैं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना चाहता हूं।' बीजेपी के लिए 2 मापदंड होंगे जरुरी!तीरथ सिंह रावत के जाने के बाद पार्टी आलाकमान को राज्य के नए नेता के नाम का ऐलान करना होगा। हालांकि कहा जा रहा है कि यहां पर किसी राजपूत या सिंह जाति के नेता को ही मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। साथ ही पार्टी इस पर ध्यान देगी कि नया नेता विधानसभा का सदस्य हो ताकि फिर से संवैधानिक संकट की स्थिति का सामना नहीं करना पड़े।फिलहाल नए मुख्यमंत्री को लेकर दो नामों पर चर्चा तेज हो गई है और ये नाम हैं सतपाल सिंह और धनसिंह रावत। सतपाल सिंह राज्य के बड़े नेताओं में शुमार किए जाते हैं जबकि धनसिंह का नाम पिछली बार भी चर्चा में आया था लेकिन तीरथ सिंह रावत से आगे आने से पिछड़ गए थे।उत्तर प्रदेश की तरह उत्तराखंड में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को दिल्ली तलब किया गया था। उनके अलावा, बीजेपी के दो वरिष्ठ नेता सतपाल महाराज और धन सिंह रावत को भी दिल्ली बुलाया गया है।वर्तमान विधानसभा के कार्यकाल में त्रिवेंद्र सिंह रावत करीब चार साल तक मुख्यमंत्री रहे लेकिन तीरथ सिंह रावत को अभी सिर्फ चार महीने ही मुख्यमंत्री बने हुआ है और अब उन्हें इस्तीफा देना पड़ रहा है। वर्तमान समय में वह पौड़ी लोकसभा सीट से सांसद हैं और मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उन्हें विधानसभा का सदस्य बनना जरुरी है।