Russia-Ukraine War: अमेरिका द्वारा यूक्रेन के साथ खुफिया सूचना साझा करने पर रोक लगाने की घोषणा के बाद फ्रांस यूक्रेन का नया सहयोगी बनकर उभरा है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की को हर संभव खुफिया सैन्य जानकारी मुहैया कराने का आश्वासन दिया है। इस आश्वासन के बाद फ्रांसीसी सेना ने युद्धग्रस्त यूक्रेन को महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी देना शुरू कर दिया है।
फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकॉर्नू ने इस संबंध में कहा कि "हमारी खुफिया जानकारी संप्रभु है, और हम इसे यूक्रेन को साझा करने के लिए स्वतंत्र हैं।" उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा यूक्रेन को सैन्य सहायता और खुफिया जानकारी निलंबित करने के निर्णय के बाद, फ्रांस ने अपनी सहायता को तेज करने का निर्णय लिया है। राष्ट्रपति मैक्रों ने विभिन्न फ्रांसीसी सहायता पैकेजों को तेजी से लागू करने का निर्देश दिया है ताकि यूक्रेन की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
यूरोपीय परमाणु प्रतिरोध क्षमता पर विचार
यूक्रेन में बिगड़ते हालात को देखते हुए फ्रांस यूरोप की परमाणु प्रतिरोध क्षमता को मजबूत करने पर विचार कर रहा है। राष्ट्रपति मैक्रों ने बुधवार को कहा कि वह रूस के बढ़ते खतरों से निपटने के लिए यूरोपीय सहयोगियों के साथ परमाणु सुरक्षा की रणनीति पर चर्चा करेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि परमाणु प्रतिरोध सिद्धांत के अनुसार, परमाणु संपन्न राष्ट्रों पर हमला करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे जवाबी परमाणु हमले की संभावना अत्यधिक बढ़ जाती है। चूंकि फ्रांस यूरोपीय संघ का एकमात्र परमाणु शक्ति संपन्न देश है, इसलिए यह मुद्दा यूरोप की सुरक्षा के लिए अहम है।
मैक्रों की परमाणु हथियारों पर स्थिति
फ्रांस के राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि फ्रांसीसी परमाणु हथियारों का नियंत्रण केवल उनके ही हाथों में रहेगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने यूरोप की सुरक्षा के लिए परमाणु रणनीति पर व्यापक चर्चा की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। यह प्रतिक्रिया जर्मनी के हालिया चुनाव विजेता फ्रेडरिक मर्ज़ के उस प्रस्ताव के जवाब में आई है, जिसमें उन्होंने फ्रांस के साथ "परमाणु साझेदारी" पर चर्चा की अपील की थी।
रूस की सैन्य विस्तार योजना और यूरोप की तैयारी
राष्ट्रपति मैक्रों ने रूस की सैन्य रणनीति को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि रूस अपने बजट का 40% हिस्सा सैन्य जरूरतों पर खर्च कर रहा है और 2030 तक 3,00,000 अतिरिक्त सैनिकों, 3,000 टैंकों और 300 लड़ाकू विमानों के साथ अपनी सेना को मजबूत करने की योजना बना रहा है। उन्होंने सवाल किया कि क्या रूस यूक्रेन पर हमला करके रुक जाएगा, या फिर आगे बढ़कर अन्य यूरोपीय देशों को भी निशाना बनाएगा।
यूरोपीय नेताओं को संबोधित करते हुए मैक्रों ने कहा कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि यदि भविष्य में किसी शांति समझौते पर हस्ताक्षर होते हैं, तो रूस दोबारा यूक्रेन पर हमला न कर सके। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि दीर्घकालिक रूप से यूक्रेन को समर्थन देने के लिए यूरोपीय सेना की संभावित तैनाती पर भी विचार किया जा सकता है।
यूरोप की सुरक्षा पर ट्रम्प प्रशासन का रुख
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया था कि यूरोप को अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वयं उठानी चाहिए। ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि अमेरिका हमेशा यूरोप की सुरक्षा में मौजूदा स्तर पर सहयोग नहीं कर सकता। इस कारण यूरोपीय संघ को अब अपनी सुरक्षा को लेकर आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है।
इस पूरी स्थिति को देखते हुए फ्रांस अब यूरोप के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा भागीदार के रूप में उभर रहा है और यूक्रेन की सैन्य सहायता को मजबूत करने के लिए अग्रसर है।