देश / एयरफोर्स का बड़ा कदम, PAK की एक गलत हरकत पर कहर बरपाएगा LCA तेजस

चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारतीय वायुसेना ने स्वदेशी हल्के लड़ाकू जेट एलसीए तेजस को पाकिस्तान की सीमा से लगे वायु सैनिक अड्डों पर ऑपरेशनल तैनाती मिल गई है। ताकि पड़ोसी देश किसी तरह की गलत हरकत करने से पहले सोचें। देश में बने इस फाइटर जेट को चीन के साथ चल रहे विवाद के बीच भी पाकिस्तान की सीमा के आसपास इसे तैनात किया गया था, ताकि देश के ऊपर दोतरफा हमले से बचाव किया जा सके।

AajTak : Aug 18, 2020, 04:13 PM
Delhi: चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारतीय वायुसेना ने स्वदेशी हल्के लड़ाकू जेट एलसीए तेजस को पाकिस्तान की सीमा से लगे वायु सैनिक अड्डों पर ऑपरेशनल तैनाती मिल गई है। ताकि पड़ोसी देश किसी तरह की गलत हरकत करने से पहले सोचें। देश में बने इस फाइटर जेट को चीन के साथ चल रहे विवाद के बीच भी पाकिस्तान की सीमा के आसपास इसे तैनात किया गया था, ताकि देश के ऊपर दोतरफा हमले से बचाव किया जा सके।

सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने आजतक को बताया कि पाकिस्तान सीमा के पास हाल में ही हुई तैनाती के दौरान तेजस कई बार उड़ानें भरीं। पश्चिमी सीमा की सुरक्षा को लेकर तेजस की मौजूदगी से पाकिस्तान की सांसें अटकी हुई थीं।

LCA Tejas देश में बना पहला स्वदेशी फाइटर जेट है जिसमें अमेरिकी इंजन लगा है। पिछले कुछ सालों से तेजस की उड़ानें अलग-अलग वायु सेना अड्डों पर होती आई हैं

पहले दो स्क्वाड्रन को वायु सेना में शामिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 83 मार्क 1A LCA जल्द ही शामिल किए जाएंगे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और वायुसेना की तरफ से भी इस फाइटर जेट की तैनाती का समर्थन मिला था।

देश में बने इस फाइटर जेट को लेकर अब तक की सबसे बड़ी रक्षा डील हुई थी। यह डील 40 हजार करोड़ रुपए की है।

शुरुआत में एयरफोर्स और निर्माता कंपनियों के बीच मतभेद थे लेकिन तत्कालीन रक्षा मंत्री स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर ने समझौता कराया। इसके बाद इस बात पर सहमति बनी की वायु सेना को  83 मार्क 1A LCA तेजस और मिलेंगे।

जानिए इसकी गति और ताकत के बारे में

 2222 किमी प्रति घंटा की गति से उड़ान भरने में सक्षम।3000 किमी की दूरी तक एक बार में भर सकता है उड़ान।43।4 फीट लंबा और 14।9 फीट ऊंचा है तेजस फाइटर।13,500 किलो वजन होता है सभी हथियारों के साथ।

6 तरह की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें हो सकती हैं तैनात। ये हैं- डर्बी, पाइथन-5, आर-73, अस्त्र, असराम, मेटियोर। 2 तरह की हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें यानी ब्रह्मोस-एनजी और डीआरडीओ एंटी-रेडिएशन मिसाइल और ब्रह्मोस-एनजी एंटी शिप मिसाइल। इसके अलावा इसपर लेजर गाइडेड बम, ग्लाइड बम और क्लस्टर वेपन लगाए जा सकते हैं।