Indian Coast Guard / पाकिस्तानी भारतीय मछुआरों को पकड़ ले जा रहे थे, तभी ICG ने ललकारा, जानें फिर क्या हुआ

17 नवंबर 2024 को पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी (PMSA) ने सात भारतीय मछुआरों को भारत-पाक समुद्री सीमा से हिरासत में ले लिया। भारतीय तटरक्षक बल के जहाज 'अग्रिम' ने दो घंटे की कार्रवाई के बाद मछुआरों को छुड़ा लिया। हालांकि, उनकी नाव 'काल भैरव' क्षतिग्रस्त होकर डूब गई।

Vikrant Shekhawat : Nov 19, 2024, 01:25 PM
Indian Coast Guard: भारत और पाकिस्तान के बीच समुद्री सीमा पर एक बड़ा झगड़ा देखने को मिला है। यह घटना 17 नवंबर 2024 को हुई, जब पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी (PMSA) के कर्मियों ने भारत-पाकिस्तान समुद्री सीमा के पास सात भारतीय मछुआरों को पकड़ लिया। पाकिस्तानी गार्ड्स भारतीय मछुआरों को PMSA जहाज नुसरत पर सवार कर पाकिस्तान ले जाने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन इससे पहले कि वे ऐसा कर पाते, भारतीय तटरक्षक बल (इंडियन कोस्ट गार्ड) ने उन्हें रोक दिया और मछुआरों को सकुशल छुड़ा लिया।

घटना का विवरण

रविवार दोपहर भारतीय तटरक्षक बल को मछली पकड़ने के निषिद्ध क्षेत्र (NFZ) में काम कर रही एक नाव काल भैरव से संकट संकेत मिला। यह संकेत मिलने पर भारतीय तटरक्षक बल ने तुरंत कार्रवाई की। जहाज अग्रिम, जो समुद्री सीमा के पास पहले से तैनात था, ने पाकिस्तानी जहाज नुसरत का पीछा किया।

करीब दो घंटे तक चले इस ऑपरेशन में अग्रिम ने पाकिस्तानी जहाज को रोकने में सफलता पाई। भारतीय तटरक्षक बल ने स्पष्ट संदेश दिया कि किसी भी हालत में भारतीय मछुआरों को पाकिस्तान ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

ऑपरेशन ‘अग्रिम’ की सफलता

भारतीय तटरक्षक बल के जहाज अग्रिम ने न केवल पाकिस्तानी जहाज को खदेड़ा बल्कि सातों भारतीय मछुआरों को सुरक्षित बचा लिया। इस दौरान पाकिस्तानी जहाज ने अपनी सीमा में लौटने की कोशिश की, लेकिन भारतीय जहाज की सक्रियता और कुशल रणनीति ने उन्हें असफल कर दिया।

इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें अग्रिम को पाकिस्तानी जहाज का पीछा करते और भारतीय मछुआरों को सुरक्षित बचाते हुए देखा जा सकता है।

नाव का नुकसान और मछुआरों की स्थिति

हालांकि, इस घटनाक्रम में भारतीय मछुआरों की नाव काल भैरव क्षतिग्रस्त हो गई और डूब गई। इसके बावजूद, मछुआरों की जान बचा ली गई और उनकी चिकित्सा स्थिति को स्थिर बताया गया है।

समुद्री सुरक्षा का महत्व

यह घटना भारत और पाकिस्तान के बीच समुद्री सुरक्षा की चुनौती और भारतीय तटरक्षक बल की तत्परता को दर्शाती है। भारतीय तटरक्षक बल ने न केवल अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि भारत अपनी समुद्री सीमाओं की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाने को तैयार है।

इस घटना ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों को उजागर किया है। समुद्री सीमा पर इस तरह की घटनाएं दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकती हैं। हालांकि, भारतीय तटरक्षक बल की त्वरित कार्रवाई ने इस बार किसी बड़ी अनहोनी को टाल दिया।

निष्कर्ष:
यह घटना न केवल भारतीय तटरक्षक बल की दक्षता और सतर्कता का प्रमाण है, बल्कि यह भी दिखाती है कि समुद्री सीमा पर सुरक्षा सुनिश्चित करना कितना महत्वपूर्ण है। ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए दोनों देशों को संवाद और सहयोग की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।