क्रिकेट / जियो-फेसबुक डील के हीरो हैं आकाश-ईशा, नाम दिया था 'प्रोजेक्ट रेडवुड' सीक्रेट मिशन

सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनी फेसबुक ने बुधवार को मुकेश अंबानी के नेतृव वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड में 43,574 करोड़ रुपये निवेश का करार किया है। इस डील के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में उछाल आया और मुकेश अंबानी एक बार फिर एशिया के सबसे अमीर शख्स बन गए। उन्होंने अलीबाबा के जैक मा को पीछे छोड़ दिया।

AMAR UJALA : Apr 25, 2020, 10:37 AM
मुंबई: सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनी फेसबुक ने बुधवार को मुकेश अंबानी के नेतृव वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड में 43,574 करोड़ रुपये निवेश का करार किया है। इस डील के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में उछाल आया और मुकेश अंबानी एक बार फिर एशिया के सबसे अमीर शख्स बन गए। उन्होंने अलीबाबा के जैक मा को पीछे छोड़ दिया।

बेटे-बेटी ने मिलकर अंजाम तक पहुंचाई डील

रिलायंस और फेसबुक के बीच डील के लिए मुकेश अंबानी ने 14 महीने पहले मार्क जकरबर्ग से बातचीत शुरू की थी। पिता की इस डील को अंजाम तक पहुंचाने के लिए बेटे आकाश और बेटी ईशा अंबानी आगे आए। दोनों ने कई बार फेसबुक मुख्यालय का दौरा किया। 

डील को ‘प्रोजेक्ट रेडवुड’ नाम दिया

आकाश और ईशा अंबानी इस डील को पूरी करने के लिए रिलायंस की 30 सदस्यों की कोर टीम बनाई। साथ में इस मिशन को गुप्त रखा गया। इस गुप्त मिशन को 14 महीने में पूरा करने के लिए ‘प्रोजेक्ट रेडवुड’ नाम दिया गया। 

22 अप्रैल को लॉकडाउन के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग से कंपनी के कोर टीम के दिग्गज मनोज मोदी, पंकज पवार और अंशुमन ठाकुर ने घंटों तक बिना सोए डील को साइन करवा लिया। मुकेश अंबानी और मार्क जकरबर्ग के बीच बातचीत में उस समय तेजी आई जब फेसबुक ने अजीत मोहन को कंपनी का भारत प्रमुख बनाया। 

अंशुमन ठाकुर ने भी डील साइन करने में बड़ी भूमिका निभाई। 22 अप्रैल को वह सुबह चार बजे से ही अजीत के साथ फोन पर लग गए थे। डील से पहले वह कागजों से संबंधित काम कर रहे थे। लगातार काम करते-करते वो बुरी तरह थक गए थे। 

अजीत मोहन के साथ मीडिया कॉल जब अंशुमन ने खत्म कर ली तब यह माना गया कि डील पूरी हो चुकी है। अंशुमन कहते हैं कि लॉकडाउन के कारण बातचीत का सिलसिला अटकता नहीं, तो हम यह डील 31 मार्च को ही घोषित कर देते।

कैलिफोर्निया के पेड़ो की वजह से रखा 'प्रोजेक्ट रेडवुड' नाम

इस डील को 'प्रोजेक्ट रेडवुड' नाम दिया गया था। कैलिफोर्निया में रेडवुड के बहुत पेड़ हैं और फेसबुक का मुख्यालय भी वहीं है। डील अंतिम दौर में पहुंची तो लॉकडाउन हो गया। इसके बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग ही एकमात्र रास्ता था। इसी के जरिए डील साइन की गई।