Vikrant Shekhawat : Jun 12, 2022, 09:02 PM
प्रयागराज में बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा और उपद्रव की वारदात के मास्टरमाइंड मोहम्मद जावेद अहमद उर्फ जावेद पंप के के आलीशान घर को प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के बुलडोजर ने ध्वस्त कर दिया। पीडीए ने रविवार को दोपहर लगभग 12 बजे मकान की बाहरी दीवार गिराना शुरू किया और कुछ ही घंटों में पूरा घर गिरा दिया गया। प्रयागराज हिंसा के बाद हुई इस कार्रवाई से यूपी में राजनीति शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस बुलडोजर एक्शन पर राज्य सरकार को घेरा। इससे पहले, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद ने अखिलेश को आड़े हाथ लिया।
अखिलेश यादव ने हिंसक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ यूपी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़ा करते हुए ट्वीट किया- ये कहां का इंसाफ है कि जिसकी वजह से देश में हालात बिगड़े और दुनिया भर में सख्त प्रतिक्रिया हुई वो सुरक्षा के घेरे में हैं और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को बिना वैधानिक जांच पड़ताल बुलडोजर से सजा दी जा कही है। इसकी अनुमति न हमारी संस्कृति देती है, न धर्म, न विधान, न संविधान।इससे पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब उत्तर प्रदेश में दंगा, हिंसा और पत्थरबाजों के खिलाफ यूपी पुलिस कार्रवाई करती है तो अखिलेश यादव को बड़ा दर्द होता है, इसके पीछे कारण क्या है? आपको बता दें कि इससे पहले अखिलेश ने शनिवार को लॉकअप में युवक की पिटाई का वीडियो शेयर करते हुए कहा था कि उठने चाहिए ऐसी हवालात पर सवालात, नहीं तो इंसाफ खो देगा अपना इकबाल। यूपी में मानवाधिकार हनन और दलित उत्पीड़न अव्वल नंबर पर।उल्लेखनीय है कि प्रयागराज के करेली और खुल्दाबाद इलाके में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुए पथराव के मामले में पुलिस ने 70 नामजद अभियुक्तों और 5000 से भी ज्यादा अज्ञात शरारती तत्वों के खिलाफ 29 गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने घटना के 24 घंटे के भीतर 68 उपद्रवियों को हिरासत में लिया जिसमें चार उपद्रवी नाबालिग पाए गए जिन्हें बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया, वहीं 64 उपद्रवियों को सेंट्रल जेल नैनी भेजने का आदेश दिया गया।
अखिलेश यादव ने हिंसक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ यूपी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़ा करते हुए ट्वीट किया- ये कहां का इंसाफ है कि जिसकी वजह से देश में हालात बिगड़े और दुनिया भर में सख्त प्रतिक्रिया हुई वो सुरक्षा के घेरे में हैं और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को बिना वैधानिक जांच पड़ताल बुलडोजर से सजा दी जा कही है। इसकी अनुमति न हमारी संस्कृति देती है, न धर्म, न विधान, न संविधान।इससे पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब उत्तर प्रदेश में दंगा, हिंसा और पत्थरबाजों के खिलाफ यूपी पुलिस कार्रवाई करती है तो अखिलेश यादव को बड़ा दर्द होता है, इसके पीछे कारण क्या है? आपको बता दें कि इससे पहले अखिलेश ने शनिवार को लॉकअप में युवक की पिटाई का वीडियो शेयर करते हुए कहा था कि उठने चाहिए ऐसी हवालात पर सवालात, नहीं तो इंसाफ खो देगा अपना इकबाल। यूपी में मानवाधिकार हनन और दलित उत्पीड़न अव्वल नंबर पर।उल्लेखनीय है कि प्रयागराज के करेली और खुल्दाबाद इलाके में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुए पथराव के मामले में पुलिस ने 70 नामजद अभियुक्तों और 5000 से भी ज्यादा अज्ञात शरारती तत्वों के खिलाफ 29 गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने घटना के 24 घंटे के भीतर 68 उपद्रवियों को हिरासत में लिया जिसमें चार उपद्रवी नाबालिग पाए गए जिन्हें बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया, वहीं 64 उपद्रवियों को सेंट्रल जेल नैनी भेजने का आदेश दिया गया।