INC vs SP / कही कमलनाथ को भारी न पड़ जाए अखिलेश की नाराजगी, जानिए क्या हो सकता असर

INDIA गठबंधन बनने के बाद मध्य प्रदेश समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं. गठबंधन बनने के बाद ये पहला चुनाव है, लेकिन चुनाव में एकजुटता की जगह बिखराव देखने को मिल रहा था. ये भी कहना गलत नहीं होगा कि गठबंधन में फूट पड़ गई है और कांग्रेस व समाजवादी पार्टी आमने-सामने आ गए हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव को लेकर जो गफलत हुई है, उसके बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच तकरार फिर सामने आ सकती है.

Vikrant Shekhawat : Oct 20, 2023, 08:15 PM
INC vs SP: INDIA गठबंधन बनने के बाद मध्य प्रदेश समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं. गठबंधन बनने के बाद ये पहला चुनाव है, लेकिन चुनाव में एकजुटता की जगह बिखराव देखने को मिल रहा था. ये भी कहना गलत नहीं होगा कि गठबंधन में फूट पड़ गई है और कांग्रेस व समाजवादी पार्टी आमने-सामने आ गए हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव को लेकर जो गफलत हुई है, उसके बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच तकरार फिर सामने आ सकती है.

सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव और यूपी इकाई की दिग्विजय सिंह के माध्यम से ये चर्चा हुई थी कि 6 सीटों पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार उतारे जाने हैं, अखिलेश चाहते थे कि 6 सीटों पर कांग्रेस अपने सिंबल पर उम्मीदवार ना उतारे, चाहे तो कांग्रेस के ही नेता उन सीटों पर सपा के सिंबल से चुनाव लड़ लें. जब कमलनाथ को इसकी जानकारी मिली तो वे इस पर राजी नहीं हुए और उन्होंने प्रत्याशी घोषित करवा दिए.

बीजेपी को मिलेगा सीधा फायदा

कमलनाथ का कहना था कि लोकल लीडर इसे लेकर तैयार नहीं हैं. हालांकि अब कांग्रेस आलाकमान इस मामले में डैमेज कंट्रोल करना चाहता है क्योंकि चंबल ग्वालियर और विंध्य क्षेत्र में समाजवादी पार्टी का ठीक-ठाक प्रभाव है. अगर उत्तर प्रदेश के सीमा से लगे क्षेत्रों में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के हिसाब से प्रत्याशी नहीं उतारे तो बीजेपी को इसका सीधा लाभ मिलेगा.

बीते चुनाव (2018) की बात करें तो ग्वालियर चंबल और विंध इलाके में कांग्रेस के वोट शेयर में काफी बढ़ोतरी हुई थी. 2013 में कांग्रेस का वोट शेयर 36.3 फीसदी था, जबकि बीजेपी का 44.8 फीसदी. 2018 में बीजेपी का प्रतिशत 41.02 था. वहीं, कांग्रेस का 40.8 फीसदी था. अगर समाजवादी पार्टी और अन्य क्षेत्रीय दल कांग्रेस के खिलाफ हुए तो इस वोट शेयर में कमी आएगी. इससे कांग्रेस के लिए बहुत नुकसान हो सकता है.

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में फूट पर किसने-क्या कहा?

  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ एमपी में धोखा किया. घमंडिया गठबंधन की हालत ‘दिल्ली में दोस्ती, राज्यों में कुश्ती’ वाली है.
  • एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि छोड़ो अखिलेश वखिलेश.
  • कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि इंडिया गठबंधन में हम सब एक साथ हैं. उनका रुष्ट होना अपनी जगह है. वो थोड़े नाराज हैं. परिवार के लोग नाराज हो जाते हैं, लेकिन हर बार गठबंधन पर सवाल उठाना थोड़ी राजनीतिक अनभिज्ञता है. हम उनके टच में हैं और जल्दी समाधान निकालेंगे.