Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश में 13 जनवरी 2025 से शुरू होने वाले
महाकुंभ को भव्य और ऐतिहासिक बनाने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस बार आयोजन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भव्यता प्रदान करने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं। यूपी सरकार ने महाकुंभ में देश के सभी राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित करने का फैसला किया है।
राज्यों में मंत्री देंगे आमंत्रण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को
लोक भवन में मंत्रियों की बैठक बुलाई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश के मंत्री अलग-अलग राज्यों में जाकर वहां के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को महाकुंभ में आने का व्यक्तिगत आमंत्रण देंगे।राज्य सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया, “हम विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य प्रमुख नेताओं से भी संपर्क करेंगे। महाकुंभ एक सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन है, जिसमें राजनीति को अलग रखते हुए सभी का स्वागत किया जाएगा।”
महाकुंभ का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रचार
योगी सरकार ने 22 नवंबर को एक प्रस्ताव पारित कर महाकुंभ का प्रचार-प्रसार भारत सहित विदेशों में करने का निर्णय लिया। अधिकारियों का मानना है कि यह आयोजन पूरी दुनिया से रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा।प्रदेश के मंत्री महाकुंभ के प्रचार के लिए रोड शो करेंगे। इन रोड शो का नेतृत्व मंत्री स्वयं करेंगे और इस दौरान संबंधित राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों से मिलकर आमंत्रण देंगे।
सीएम योगी और पीएम मोदी की विशेष भागीदारी
महाकुंभ की तैयारियों का निरीक्षण करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही प्रयागराज का दौरा करेंगे। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी 13 दिसंबर को प्रयागराज आगमन की योजना है। पीएम मोदी के दौरे से पहले महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने की कोशिशें तेज़ कर दी गई हैं।
सुरक्षा और व्यवस्था पर जोर
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, “महाकुंभ वृहद स्तर पर आयोजित होने जा रहा है। इस बैठक का उद्देश्य मेले में सुरक्षा और भव्यता सुनिश्चित करना था। यूपी में पहले से ही बेहतर कानून व्यवस्था है, लेकिन इसे और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की गई।”
विदेशों में प्रचार अभियान
प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह पहले से ही दिल्ली में विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के बीच महाकुंभ का प्रचार कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रद्धालुओं को आकर्षित करने के लिए यूपी सरकार ने कई देशों में विशेष प्रचार अभियान शुरू किया है।
महाकुंभ: संस्कृति और एकता का प्रतीक
महाकुंभ सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और एकता का प्रतीक है। यूपी सरकार का उद्देश्य इस आयोजन को ऐसा रूप देना है, जो न केवल श्रद्धालुओं के लिए यादगार हो, बल्कि उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को भी वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करे।
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 के आयोजन को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की तैयारियां पूरे जोरों पर हैं। योगी सरकार का यह कदम इस आयोजन को न केवल दिव्य और भव्य बनाएगा, बल्कि इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विशेष पहचान दिलाएगा। विपक्षी दलों को भी आमंत्रित करने का निर्णय इस आयोजन की समावेशी भावना को प्रदर्शित करता है। महाकुंभ 2025 निश्चित रूप से ऐतिहासिक और यादगार बनने की ओर अग्रसर है।