NavBharat Times : Jul 19, 2020, 04:11 PM
आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले एक केमिस्ट ने आरोप लगाया है कि Covid-19 की एक्सपेरिमेंटल दवा रेमडेसिवीर (Remdesivir) की बढ़ती मांग के बीच दिल्ली में यह कीमत से आठ गुना कीमत पर बेची जा रही है। उसने दिल्ली के बड़े दवा डीलर्स पर यह आरोप लगाया है।
दवाओं के थोक स्थानीय विक्रेताओं के अनुसार (Covid-19 Vaccine) एंटी वायरल दवा की एक शीशी की कीमत लगभग 5 हजार रुपये है। लेकिन दिल्ली के ब्लैक मार्केट में इसे करीब 40 हजार रुपये में बेचा जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह दवा उत्तर प्रदेश में कहीं पर भी उपलब्ध नहीं है, जिस वजह से इसे लाने के लिए दिल्ली पर निर्भर होना पड़ता है।आगरा फार्मा असोसिएशन के प्रवक्ता पुनीत कालरा ने बताया, 'पिछले 15 दिनों में रेमडेसिवीर की मांग अचानक से बढ़ गई है। कोरोना संक्रमित कई सारे मरीजों के परिजन दवा के लिए हमारे पास आते हैं। स्टॉक ना होने की वजह से हमें मजबूरन उन्हें लौटाना पड़ता है। इसी कमी का फायदा उठाकर दिल्ली के बड़े डीलर कई गुना अधिक दामों पर इसे बेच रहे हैं।'गौरतलब है कि हाल के दिनों में रेमडेसिवीर की डिमांड में तेजी आई है। क्लिनिकल ट्रायल में कोविड-19 मरीजों के रिकवरी पीरियड में सुधार की वजह से इसकी मांग बढ़ी है। इस दवा के प्रॉडक्शन का अधिकार रखने वाली यूएस स्थित गिलियड साइंसेज़ ने भारत की चार दवा निर्माता कंपनियों के साथ करार किया है।अधिक कीमत पर दवा बेचे जाने की शिकायत पर प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी किया है। सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर राजकुमार ने कहा, 'पिछले 2 सप्ताह में रेमडेसिवीर के ब्लैक मार्केट में बेचे जाने की काफी शिकायत मिली है। देश में इस दवा की शॉर्ट सप्लाई है और फिलहाल 2 हजार शीशी का उत्पादन प्रतिदिन हो रहा है। दिल्ली में कई बड़े डीलर्स के अधिक दाम में बेचे जाने की सूचना है।'ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन ने ब्लैक मार्केटिंग को रोकने के लिए सभी विक्रेताओं को खरीद और बिक्री का रेकॉर्ड बनाए रखने का निर्देश दिया है। हालांकि दवा विक्रेताओं का मानना है कि सरकार को इस बारे में ऐक्शन लेने की जरूरत है। साथ ही रेमडेसिविर की पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित हो।
दवाओं के थोक स्थानीय विक्रेताओं के अनुसार (Covid-19 Vaccine) एंटी वायरल दवा की एक शीशी की कीमत लगभग 5 हजार रुपये है। लेकिन दिल्ली के ब्लैक मार्केट में इसे करीब 40 हजार रुपये में बेचा जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह दवा उत्तर प्रदेश में कहीं पर भी उपलब्ध नहीं है, जिस वजह से इसे लाने के लिए दिल्ली पर निर्भर होना पड़ता है।आगरा फार्मा असोसिएशन के प्रवक्ता पुनीत कालरा ने बताया, 'पिछले 15 दिनों में रेमडेसिवीर की मांग अचानक से बढ़ गई है। कोरोना संक्रमित कई सारे मरीजों के परिजन दवा के लिए हमारे पास आते हैं। स्टॉक ना होने की वजह से हमें मजबूरन उन्हें लौटाना पड़ता है। इसी कमी का फायदा उठाकर दिल्ली के बड़े डीलर कई गुना अधिक दामों पर इसे बेच रहे हैं।'गौरतलब है कि हाल के दिनों में रेमडेसिवीर की डिमांड में तेजी आई है। क्लिनिकल ट्रायल में कोविड-19 मरीजों के रिकवरी पीरियड में सुधार की वजह से इसकी मांग बढ़ी है। इस दवा के प्रॉडक्शन का अधिकार रखने वाली यूएस स्थित गिलियड साइंसेज़ ने भारत की चार दवा निर्माता कंपनियों के साथ करार किया है।अधिक कीमत पर दवा बेचे जाने की शिकायत पर प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी किया है। सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर राजकुमार ने कहा, 'पिछले 2 सप्ताह में रेमडेसिवीर के ब्लैक मार्केट में बेचे जाने की काफी शिकायत मिली है। देश में इस दवा की शॉर्ट सप्लाई है और फिलहाल 2 हजार शीशी का उत्पादन प्रतिदिन हो रहा है। दिल्ली में कई बड़े डीलर्स के अधिक दाम में बेचे जाने की सूचना है।'ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन ने ब्लैक मार्केटिंग को रोकने के लिए सभी विक्रेताओं को खरीद और बिक्री का रेकॉर्ड बनाए रखने का निर्देश दिया है। हालांकि दवा विक्रेताओं का मानना है कि सरकार को इस बारे में ऐक्शन लेने की जरूरत है। साथ ही रेमडेसिविर की पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित हो।