Vikrant Shekhawat : Dec 08, 2024, 01:00 PM
Elon Musk News: इन दिनों अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर एक बार फिर सुर्खियों में है। अमेरिका द्वारा चीन पर बैन लगाने के बाद, चीन ने प्रतिशोध में यूएसए के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। उसने तीन महत्वपूर्ण धातुओं—गैलियम, जर्मेनियम और एंटीमनी—के निर्यात पर रोक लगा दी है। इस कदम से अमेरिका की आर्थिक स्थिति और भी जटिल हो गई है, क्योंकि वह पहले से ही कर्ज के जाल में फंसा हुआ है।अमेरिका का कर्ज अब खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश का कुल कर्ज 36 ट्रिलियन डॉलर (36 लाख करोड़ डॉलर) तक पहुंच गया है, जो उसकी जीडीपी का लगभग 125 प्रतिशत है। इसका असर न केवल अमेरिका की वित्तीय स्थिरता, बल्कि दीर्घकालिक विकास पर भी पड़ रहा है। अमेरिका की जीडीपी फिलहाल 27 लाख करोड़ डॉलर है, और इससे पहले की स्थिति में बढ़ते कर्ज ने सरकार के खर्च और अन्य योजनाओं के लिए गंभीर चुनौती उत्पन्न की है।अमेरिका को हर साल कर्ज के ब्याज के रूप में 1.12 अरब डॉलर का भुगतान करना पड़ रहा है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले दोगुना है। इस भारी बोझ का असर देश की आय और खर्च पर पड़ रहा है, और यह शिक्षा, आरएंडडी और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए खर्च से भी अधिक हो गया है। ब्यूरो ऑफ इकनॉमिक एनालिसिस के अनुसार, सरकार की कुल आय का 18 प्रतिशत हिस्सा केवल कर्ज के ब्याज चुकाने में चला जाता है।पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समस्या से निपटने के लिए एक नया विभाग गठित किया, जिसे एलन मस्क को जिम्मेदारी सौंपी गई है। अगर मस्क इस चुनौती का समाधान निकालने में सफल हो जाते हैं, तो यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है। इससे शटडाउन और आर्थिक संकट के कयास गलत साबित हो सकते हैं।हालांकि, अमेरिका की आर्थिक स्थिति मजबूत है और बेरोजगारी दर कम है, फिर भी बढ़ता कर्ज विश्लेषकों के लिए चिंता का विषय है। आमतौर पर कर्ज का स्तर तब बढ़ता है जब सरकार आर्थिक मंदी से निपटने के लिए खर्च बढ़ाती है। इस समय बढ़ते कर्ज के साथ भविष्य में आर्थिक संकट की आशंका है, जो शटडाउन जैसी स्थिति को भी जन्म दे सकता है।अमेरिका के कर्ज के बढ़ने का असर उसकी क्रेडिट रेटिंग पर भी दिखने लगा है। अगस्त 2023 में फिच ने अमेरिका की सॉवरेन डेट की रेटिंग AAA से घटाकर AA+ कर दी, और मूडीज ने भी ऐसी ही कटौती की चेतावनी दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस संकट से निपटने के लिए अमेरिका को अपने खर्च की प्राथमिकताओं पर पुनर्विचार करना होगा। अगर सोशल सिक्योरिटी और हेल्थकेयर जैसी योजनाओं की लागत में वृद्धि होती है और सरकारी राजस्व में कमी आती है, तो यह संकट और गहरा हो सकता है।इस बढ़ते कर्ज के साथ अमेरिका के सामने न केवल आर्थिक, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक चुनौतियां भी आ सकती हैं। ऐसे में वित्तीय अनुशासन और स्थायी विकास के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि देश इस संकट से बाहर निकल सके और दीर्घकालिक विकास की दिशा में आगे बढ़ सके।