असम / अमित शाह कहा- कालखंड में शांति और विकास नहीं ला सकी वो कांग्रेस हमें सलाह दे रही है

असम में इस साल विधानसभा चुनाव के चलते गृहमंत्री अमित शाह राज्य के दौरे पर हैं। कांग्रेस पर हमला करते हुए अमित शाह ने कहा, जो कांग्रेस पार्टी अपने कालखंड में शांति और विकास नहीं ला सकी वो आज हमें सलाह दे रही है। मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहता हूं कि इतने सालों तक असम रक्त रंजित रहा, आपने क्या किया? जो भी किया वो नरेंद्र मोदी की भाजपा सरकार ने किया।

Vikrant Shekhawat : Jan 24, 2021, 02:04 PM
गुवाहाटी: असम में इस साल विधानसभा चुनाव के चलते गृहमंत्री अमित शाह राज्य के दौरे पर हैं। असम के कोकराझार में गृहमंत्री अमित शाह ने बीजेपी की 'विजय संकल्प समावेश' रैली को संबोधित किया। अमित शाह ने बताया कि असम में 500 करोड़ रुपये सिर्फ बोडो क्षेत्र के रोड नेटवर्क के लिए आवंटित किए गए हैं। उनका कहना है कि ये रोड का जाल समस्त बोडो क्षेत्र को विकास के रास्ते पर ले जाएगा और आने वाले सालों तक बोडो क्षेत्र विकास के रास्ते पर आगे चल पड़ेगा।

कोकराझार में अमित शाह ने कहा, 'आज से ठीक एक साल पहले देश के प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में बोडो शांति समझौता हुआ और बोडो शांति समझौते के साथ प्रधानमंत्री जी ने संदेश दिया कि उत्तर पूर्व में जहां-जहां अशांति है, वहां बातचीत कीजिए और शांति का मार्ग प्रशस्त कीजिए। मुझे कहते हुए खुशी हो रही है कि मोदी जी की अगुवाई में जो BTR क्षेत्र का शांति समझौता हुआ, उसको एक साल आज पूरा हुआ है। आपका चुनाव भी खत्म हो गया है और शांति के एक नए युग की शुरुआत हुई है।'

कांग्रेस पर अमित शाह का हमला

कांग्रेस पर हमला करते हुए अमित शाह ने कहा, जो कांग्रेस पार्टी अपने कालखंड में शांति और विकास नहीं ला सकी वो आज हमें सलाह दे रही है। मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहता हूं कि इतने सालों तक असम रक्त रंजित रहा, आपने क्या किया? जो भी किया वो नरेंद्र मोदी की भाजपा सरकार ने किया।

अमित शाह ने कहा, आज इस ऐतिहासिक रैली में यहां बोडो भी हैं और गैर बोडो भी हैं। ये ऐसी पहली रैली है, जहां दोनों शामिल हैं। बोडो और गैर बोडो दोनों भारत माता के पुत्र हैं। मेरे राजनीतिक जीवन में मैंने बहुत रैलियां देखी, मगर आज इस रैली को संबोधित करते हुए मेरे मन को अपरा शांति का अनुभव हो रहा है। बोडो भाषा को सम्मान देने का हमने वादा किया था। असम सरकार ने असम की सह राज्य भाषा का दर्जा बोडो भाषा को देकर आज सालों पुरानी मांग खत्म कर दी है।