Dainik Bhaskar : Aug 06, 2019, 11:32 AM
नई दिल्ली. गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का प्रस्ताव पेश किया। इस पर विपक्ष ने हंगामा किया। कांग्रेस नेता अधीररंजन चौधरी ने कहा कि कश्मीर मामला संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में लंबित है, इसलिए यह अंदरूनी मसला कैसे हो सकता है। इस पर शाह ने चुनौती दी कि अगर सरकार ने कोई नियम तोड़ा हो तो बताएं। हम पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को भी अपना मानते हैं। इसके लिए जान दे देंगे। शाह ने सोमवार को राज्यसभा में अनुच्छेद 370 हटाने का प्रस्ताव पेश किया था। इसके बाद राष्ट्रपति ने अनुच्छेद हटाने की अधिसूचना जारी कर दी। शाह ने राज्यसभा में कहा था कि जम्मू-कश्मीर दिल्ली और पुड्डुचेरी की तरह केंद्र शासित प्रदेश रहेगा यानी यहां विधानसभा रहेगी। वहीं लद्दाख की स्थिति चंडीगढ़ की तरह होगी, जहां विधानसभा नहीं होगी।अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कियाइससे पहले केंद्र ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले 70 साल पुराने अनुच्छेद 370 को केंद्र सरकार ने सोमवार को हटा दिया। इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को हटाने का संकल्प पेश किया। कुछ ही देर बाद राष्ट्रपति की मंजूरी वाली अधिसूचना भी जारी हो गई। इससे जम्मू-कश्मीर में भी भारत का संविधान लागू होने का रास्ता साफ हो गया।विपक्ष ने सोमवार को लोकसभा से वॉकआउट कियागृह मंत्री ने सोमवार को लोकसभा में बिल पेश किया था, लेकिन विपक्ष ने इसका विरोध किया। इसी दौरान शाह ने कहा कि यह विधेयक मंगलवार को सदन में चर्चा के लिए फिर पेश करूंगा। विपक्ष को इस बिल पर विस्तार से चर्चा करनी चाहिए और सुझाव देने चाहिए। मैं उनके हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हूं। इस दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह सदन में आए, देश को तोड़ा और चले गए। सरकार ने पूरे जम्मू-कश्मीर को जेल बना दिया।जम्मू-कश्मीर आरक्षण बिल भी पेश होगाइसके अलावा गृह मंत्री लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (दूसरा संशोधन) बिल 2019 पेश करेंगे। इसके तहत राज्य में आर्थिक पिछड़े वर्गों को 10% आरक्षण मिल सकेगा। यह बिल 28 जून में लोकसभा से पास हो चुका है। मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल 2019 में कश्मीर में सीमा से सटे इलाकों के नागरिकों को विशेष आरक्षण देने का प्रावधान किया है। ताकि उन्हें भी आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक तौर पर बराबरी का मौका मिल सके।