Vikrant Shekhawat : Jul 06, 2021, 02:39 PM
नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच आम आदमी को महंगाई का झटका भी झेलने पर मजबूर होना पड़ रहा है। भारत के सबसे बड़े डेयरी उत्पाद निर्माता अमूल ने सभी श्रेणियों में कीमतों में चार से पांच फीसदी की बढ़ोतरी की है। पिछले साल दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश कोविड-19 महामारी की पहली लहर को कम करने के लिए पूरी तरह से बंद था। लेकिन पिछले साल की तुलना में अब मांग बेहतर होने से कीमतों पर असर पड़ा है।अमूल-ब्रांडेड उत्पादों के मालिक गुजरात सहकारी दूध विपणन संघ (जीसीएमएमएफ) के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी ने इस संदर्भ में ब्लूमबर्ग क्विंट को बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में कीमतों में वृद्धि नहीं की गई। उन्होंने कहा कि ,'पिछले साल दूध की कम कीमतों के कारण, हमने एक इन्वेंट्री बनाई (स्किम्ड मिल्क पाउडर के रूप में जिसे अन्य दूध उत्पादों में बदला जा सकता है)। अब जब हमने कीमतें बढ़ा दी हैं, तो हम धीरे-धीरे पिछले साल के स्टॉक को खत्म करना शुरू कर देंगे।' उनके मुताबिक इस साल वॉल्यूम भी बेहतर है। उच्च कीमत पर इन्वेंट्री के परिसमापन के कारण वित्त वर्ष 2022 में पिछले वर्ष की तुलना में 12 से 13 फीसदी की अतिरिक्त मात्रा होगी।मार्च 2021 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में दूध महासंघ ने 2004-05 के बाद से अपनी बिक्री में सबसे धीमी गति से वृद्धि देखी। सोढ़ी ने कहा कि इसका कारोबार वर्ष के दौरान 1.7 फीसदी बढ़कर 39,200 करोड़ रुपये हो गया। वित्तीय वर्ष 2021 में ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड के राजस्व में 13.2 फीसदी की वृद्धि हुई। इस अवधि के दौरान एफएमसीजी की अन्य श्रेणियों में, आईटीसी लिमिटेड के राजस्व में 14.7 फीसदी की वृद्धि देखी गई।लेकिन सोढ़ी ने कहा के जीसीएमएमएफ ने पिछले वर्ष की तुलना में अप्रैल-जून तिमाही में बिक्री में 15 से 16 फीसदी की वृद्धि देखी।2020-21 में ब्रांडेड उत्पादों ने डेयरी कंपनी के लिए बड़े पैमाने पर विकास किया। इसमें नौ फीसदी की तेजी आई।वित्त वर्ष 2021 में संस्थागत बिक्री और कमोडिटी, आइसक्रीम पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा। इसमें दो फीसदी की वृद्धि हुई। ऐसा इसलिए क्योंकि लगभग पूरे वर्ष में प्रतिबंधों के कारण होटल और रेस्तरां की मांग न के बराबर थी।सोढ़ी के अनुसार, जीसीएमएमएफ के राजस्व में जिंस का योगदान, आठ से नौ फीसदी है, जबकि आइसक्रीम का पांच फीसदी हिस्सा है। वहीं संस्थागत बिक्री का 10 से 12 फीसदी है।वित्त वर्ष 2021 में अमूल का राजस्व 53000 करोड़ रुपये था। जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में यह 52000 करोड़ रुपये था।सोढ़ी को भरोसा है कि कंपनी 2024-25 तक अपने एक लाख करोड़ रुपये के टर्नओवर के लक्ष्य को हासिल कर लेगी। उन्हें उम्मीद है कि इसमें हर साल 20 से 25 फीसदी की वृद्धि होगी।