Gold Rate Today: गुरुवार सुबह सोने की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट अमेरिकी केंद्रीय बैंक
फेडरल रिजर्व द्वारा प्रमुख ब्याज दरों में कटौती की घोषणा के बाद आई है। फेडरल रिजर्व ने बुधवार रात 0.25% की कटौती की घोषणा की, जो बाजार की उम्मीदों के अनुरूप थी। इस कदम से वैश्विक और घरेलू बाजारों में सोने की कीमतों पर प्रभाव पड़ा।
घरेलू वायदा बाजार में सोने की स्थिति
भारत में
एमसीएक्स एक्सचेंज पर शुरुआती कारोबार में फरवरी 2025 डिलीवरी वाले सोने के दाम 0.96% (733 रुपये) घटकर 75,920 रुपये प्रति 10 ग्राम तक आ गए। इसी तरह, मार्च 2025 डिलीवरी वाली चांदी में भी 2.39% (2156 रुपये) की बड़ी गिरावट दर्ज की गई, और यह 88,224 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड करती नजर आई।
हाजिर बाजार में सोने की कीमतें
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में बुधवार को 24 कैरेट सोने की कीमत 200 रुपये गिरकर 79,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई। वहीं, 99.5% शुद्धता वाले सोने की कीमत भी 200 रुपये घटकर 78,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रही।
वैश्विक बाजार पर असर
सोने की वैश्विक वायदा कीमतें भी गिरावट की चपेट में रहीं।
कॉमेक्स पर सोने के दाम 1.15% (30.60 डॉलर) घटकर 2622.70 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गए। इसके विपरीत, वैश्विक हाजिर बाजार में सोने के दाम बढ़े।
गोल्ड स्पॉट की कीमत 0.97% (24.98 डॉलर) की तेजी के साथ 2610.33 डॉलर प्रति औंस पर रही।
ब्याज दर कटौती का असर
फेडरल रिजर्व की ब्याज दर कटौती ने बाजार की धारणा पर गहरा असर डाला है। इस कदम से निवेशक सोने के बजाय अन्य परिसंपत्तियों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे सोने की कीमतों में दबाव बना है। फेडरल रिजर्व ने यह भी संकेत दिया कि 2025 में दो बार 0.25% की कटौती की जा सकती है। यह पहले अनुमानित चार कटौतियों से कम है, जो बाजार की अस्थिरता का कारण बना।
निवेशकों के लिए सलाह
वर्तमान समय में सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव को देखते हुए निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। विशेष रूप से वायदा बाजार में निवेश करने वालों के लिए, यह आवश्यक है कि वे बाजार के रुझानों पर ध्यान दें और सोच-समझकर निर्णय लें।
निष्कर्ष
सोने की कीमतों में आई यह गिरावट वैश्विक और घरेलू बाजारों में आर्थिक गतिविधियों का परिणाम है। ब्याज दरों में कटौती के चलते सोने की मांग और आपूर्ति में असंतुलन देखा जा रहा है। आने वाले दिनों में कीमतें स्थिर होंगी या और गिरावट आएगी, यह फेडरल रिजर्व की भविष्य की नीतियों और बाजार की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा।