Stock Market Crash / अमेरिका का एक फैसला और भारतीय शेयर बाजार धड़ाम, 1200 अंक टूटा सेंसेक्स, यह है वजह

गुरुवार को भारतीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 900 अंक टूटकर 79,172 पर और निफ्टी 291 अंक गिरकर 23,907 पर बंद हुआ। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 0.25% कटौती और 2025 में सीमित कटौती के संकेत से बाजार का मूड बिगड़ा।

Vikrant Shekhawat : Dec 19, 2024, 09:46 AM
Stock Market Crash: दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका में शेयर बाजारों में भारी गिरावट के बाद गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 0.25% की कटौती और अगले साल 2025 में केवल दो रेट कट के संकेतों के कारण वैश्विक बाजारों में निराशा छा गई। इसका प्रभाव भारतीय बाजार पर भी पड़ा, जहां सेंसेक्स और निफ्टी में तेज गिरावट देखने को मिली।

सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट

गुरुवार को भारतीय बाजार ने भारी गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की। सेंसेक्स में 900 से अधिक अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जबकि निफ्टी 321 अंकों की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। इंट्रा-डे में सेंसेक्स 1162 अंकों तक गिरा और निफ्टी 328 अंकों तक नीचे चला गया। सेंसेक्स 79,000 के करीब आ गया है, और निफ्टी 23,900 से नीचे फिसल गया।

फेडरल रिजर्व का फैसला और बाजार का मूड

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार रात को ब्याज दरों में 0.25% की कटौती की। यह तीसरी बार लगातार कटौती है, लेकिन बाजार को फेड के भविष्य के रेट कट संकेतों से निराशा हुई। पहले 2025 में चार बार 0.25% की कटौती की उम्मीद थी, लेकिन अब केवल दो कटौती के संकेत दिए गए हैं। इसके चलते अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट आई, जिसका असर भारतीय बाजार समेत वैश्विक बाजारों पर भी पड़ा।

FMCG इंडेक्स में स्थिरता, अन्य सेक्टर्स में गिरावट

भारतीय बाजार में FMCG इंडेक्स को छोड़कर सभी सेक्टर्स में 2% तक की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि FMCG का निफ्टी इंडेक्स लगभग फ्लैट रहा। यह इंगित करता है कि निवेशक इस सेक्टर को सुरक्षित मान रहे हैं, जबकि अन्य क्षेत्रों में भारी बिकवाली देखी गई।

निवेशकों की दौलत में भारी नुकसान

बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 5.93 लाख करोड़ रुपये गिर गया है। बुधवार को बीएसई पर सभी शेयरों का कुल मार्केट कैप 4,52,60,266.79 करोड़ रुपये था, जो गुरुवार को घटकर 4,46,66,491.27 करोड़ रुपये रह गया। इसका मतलब है कि निवेशकों की पूंजी में भारी नुकसान हुआ है।

अमेरिकी रेट कट का भारतीय बाजार पर प्रभाव

फेडरल रिजर्व के रेट कट का सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ा है। जहां एक ओर अमेरिकी बाजारों में गिरावट से निवेशकों में घबराहट बढ़ी, वहीं घरेलू बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा। भारतीय बाजार में विदेशी निवेशक (FII) बिकवाली के मूड में नजर आ रहे हैं, जिससे बाजार और दबाव में आ गया है।

निवेशकों के लिए विशेषज्ञों की सलाह

  1. लंबी अवधि का दृष्टिकोण अपनाएं: मौजूदा गिरावट से घबराने की बजाय लंबी अवधि के लिए निवेश करना अधिक फायदेमंद हो सकता है।
  2. सतर्कता से निवेश करें: बाजार में अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए अच्छे और स्थिर फंडामेंटल वाले स्टॉक्स में निवेश करें।
  3. एफएमसीजी और डिफेंसिव स्टॉक्स पर ध्यान दें: इन क्षेत्रों में गिरावट कम रही है और ये स्थिरता प्रदान कर सकते हैं।

निष्कर्ष

अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर कटौती के फैसले का असर सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका प्रभाव भारतीय और वैश्विक बाजारों पर व्यापक रूप से पड़ा। सेंसेक्स और निफ्टी की भारी गिरावट ने भारतीय निवेशकों को बड़ा झटका दिया है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार की अस्थिरता के बीच सावधानी और दीर्घकालिक निवेश रणनीति अपनाकर लाभ उठाया जा सकता है।