Andhra Pradesh / Covid का ऐसा खौफ...2 साल तक कमरे में छिपी रहीं मां-बेटी, पति को भी नहीं आने दिया पास

दुनिया में कोरोना (Coronavirus) के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. चीन में कोरोना की सुनामी देखी जा रही है. वायरल वीडियो में सड़कों पर लाशों का ढेर देखा जा रहा है. भारत में यूं तो मामले कम हैं लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज अहम बैठक की. इस बीच आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के काकीनाडा जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है.

Vikrant Shekhawat : Dec 21, 2022, 01:43 PM
Coronavirus Symptoms: दुनिया में कोरोना (Coronavirus) के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. चीन में कोरोना की सुनामी देखी जा रही है. वायरल वीडियो में सड़कों पर लाशों का ढेर देखा जा रहा है. भारत में यूं तो मामले कम हैं लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज अहम बैठक की. इस बीच आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के काकीनाडा जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां दो महिलाओं ने कोविड-19 (Covid-19) से संक्रमित होने के डर से खुद को दो साल तक अपने घर में कैद रखा. यह चौंकाने वाली घटना काकीनाडा के कुययेरु गांव की है. परिवार के मुखिया ने मां और बेटी की बिगड़ती हालत के बारे में अधिकारियों को सूचना दी, जिसके बाद दोनों को काकीनाडा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया.

दरवाजा खोलने से कर दिया था इनकार

स्वास्थ्यकर्मी जब महिलाओं को लेने पहुंचे, तो उन्हें गुस्से का शिकार होना पड़ा. महिलाओं ने कमरे का दरवाजा खोलने से ही मना कर दिया. इसके बाद जैसे-तैसे महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें दरवाजा खोलने के लिए मना लिया और जबरन अस्पताल ले जाया गया. स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि दोनों महिलाओं के मानसिक रूप से बीमार होने का शक है.

मणि और उनकी बेटी दुर्गा भवानी ने कोविड के कहर के बाद 2020 में खुद को घर की चार दीवारों में कैद कर लिया था. हालांकि बाद में कोरोना महामारी पर काबू पा लिया गया लेकिन मां-बेटी ने खुद को आइसोलेट रखा. मणि के पति उन्हें खाना-पानी दे रहे थे लेकिन वह पिछले एक हफ्ते से उन्हें भी अपने कमरे में नहीं आने दे रही थी. इसके बाद उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को इस बारे में बताया.

पहले भी सामने आई हैं ऐसी घटनाएं

राज्य में इस तरह की यह दूसरी घटना सामने आई है. पिछले साल जुलाई में पूर्वी गोदावरी जिले से ऐसी ही एक घटना सामने आई थी. कोविड से संक्रमित होने के डर से तीन महिलाओं ने करीब 15 महीने तक खुद को अपने घर में कैद कर लिया था. वहीं एक दंपति और उनके दो बच्चों ने अपने पड़ोसी की कोविड से मौत के बाद खुद को आइसोलेट कर लिया था. मामला तब सामने आया जब एक ग्रामीण स्वयंसेवी सरकारी योजना के तहत उनके लिए आवासीय प्लॉट की इजाजत देने के लिए उनका अंगूठा लगवाने गया था.