World News / नाराज पुतिन की जापान के खिलाफ कार्रवाई, पीएम किशिदा समेत 63 हस्तियों के रूस में प्रवेश पर रोक, जानें वजह

रूस ने जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Japan PM Fumio Kishida) समेत 63 जापानी अधिकारियों के अपने देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। मॉस्को ने कहा कि, यूक्रेन पर हमले (Ukraine-Russia War) को लेकर जापान ने भी अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ आकर रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाए थे इसके जवाब में यह कदम उठाया गया है।

Vikrant Shekhawat : May 04, 2022, 07:59 PM
मॉस्को: रूस ने जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Japan PM Fumio Kishida) समेत 63 जापानी अधिकारियों के अपने देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। मॉस्को ने कहा कि, यूक्रेन पर हमले (Ukraine-Russia War) को लेकर जापान ने भी अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ आकर रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाए थे इसके जवाब में यह कदम उठाया गया है।

न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार, रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि, “जापानीज पीएम किशिदा के प्रशासन ने एक रूसी विरोधी अभियान शुरू किया, जिसमें रूस के खिलाफ गलत बयानबाजी की गई और पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इसमें अपमान और सीधी धमकियां भी शामिल हैं। रूस ने जापान के प्रधानमंत्री, कैबिनेट सदस्यों, सांसदों, पत्रकारों और प्रोफेसर्स समेत 63 जापानी नागरिकों पर अनिश्चित काल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।

रूस ने बताया कि, “जापान की सार्वजनिक हस्तियों, विशेषज्ञों और जापानी मीडिया के प्रतिनिधियों के बयानों से ऐसा लगता है और यह पूरी तरह से हमारे देश के प्रति पश्चिमी देशों के रवैये से जुड़े हुए हैं।

रूस ने टोक्यो पर अच्छे पड़ोसी संबंधों को खत्म करने, रूसी अर्थव्यवस्था और देश की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने जैसे कदम उठाने का आरोप लगाया।

बता दें कि यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आलोचना करते हुए मॉस्को पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे। इसे देखते हुए जापान ने भी रूस की आलोचना की थी और मॉस्को पर कुछ बैन लगाए थे। जापान के इस कदम से रूस बेहद नाराज था, जिसके बाद उसने जापान के पीएम और अन्य हस्तियों पर रूस में प्रवेश को लेकर प्रतिबंध की यह कार्रवाई की है।

इससे पहले रविवार को जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने वियतनाम के नेताओं के साथ यूक्रेन में युद्ध के हालात पर चर्चा की और रूस की कार्रवाई की निंदा की। उन्होंने कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करने और बलप्रयोग नहीं करने पर सहमत हुए हैं।