Maharashtra New CM: महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कई दिनों से चल रहा मुख्यमंत्री पद का सस्पेंस अब खत्म होने की कगार पर है। महायुति के घटक दलों की आज होने वाली अहम बैठक में महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में भी सरकार गठन को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं।
देवेंद्र फडणवीस का नाम तय होने का दावा
बीजेपी के एक सीनियर नेता ने रविवार रात बड़ा दावा किया कि पार्टी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला कर लिया है। हालांकि, अभी तक पार्टी की ओर से औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि 2 या 3 दिसंबर को बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें इस निर्णय को अंतिम रूप दिया जाएगा। केंद्रीय नेतृत्व द्वारा नियुक्त ऑब्जर्वर भी मुंबई पहुंचकर इस प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे।
5 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह
नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित किया जाएगा। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के बीच समन्वय को ध्यान में रखते हुए यह कार्यक्रम भव्य रूप में आयोजित होगा। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को भारी जीत मिली थी, जिसमें बीजेपी ने 132 सीटें जीती थीं। लेकिन नई सरकार के गठन में देरी से सियासी चर्चाएं तेज हो गई थीं।
महायुति की एकता पर उठ रहे सवाल
महायुति के भीतर तालमेल को लेकर विभिन्न नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं। बीजेपी नेता रावसाहेब दानवे ने कहा कि अगर बीजेपी और शिवसेना ने साथ में चुनाव लड़ा होता, तो वे अधिक सीटें जीत सकते थे। वहीं, शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने दावा किया कि यदि अजित पवार की राकांपा गठबंधन में शामिल नहीं होती, तो शिवसेना को 90-100 सीटें मिल सकती थीं। इन बयानों के कारण महायुति के भीतर हलचल मच गई है।
शिंदे की भूमिका और अटकलें
एकनाथ शिंदे, जो शिवसेना के प्रमुख नेता हैं, को लेकर अटकलें हैं कि वे नई सरकार के स्वरूप से पूरी तरह खुश नहीं हैं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया है कि बीजेपी नेतृत्व का निर्णय उन्हें स्वीकार्य होगा। शिंदे ने कहा, “महायुति के घटक दल मिलकर निर्णय लेंगे कि शपथ समारोह में केवल मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शपथ लेंगे या अन्य मंत्री भी शामिल होंगे।”
श्रीकांत शिंदे का डिप्टी सीएम बनने का सवाल
शिवसेना के नेताओं ने शपथ ग्रहण से पहले कई मुद्दों पर चर्चा की है। शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे से जब उनके बेटे और लोकसभा सदस्य श्रीकांत शिंदे को उपमुख्यमंत्री बनाने के सवाल पर पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि बातचीत जारी है।
महायुति की रणनीति: सतर्कता और संतुलन
बीजेपी फिलहाल अपने कदम बेहद सतर्कता के साथ बढ़ा रही है। गठबंधन के सहयोगी दलों, खासकर शिवसेना और राकांपा, की आकांक्षाओं को संतुलित करना चुनौतीपूर्ण कार्य है। महायुति की भारी जीत के बाद सहयोगी दलों की अपेक्षाएं भी बढ़ गई हैं।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहा सस्पेंस अब लगभग खत्म हो चुका है। महायुति की बैठक और बीजेपी के फैसलों के बाद तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि नई सरकार के गठन में कौन-कौन से नेता प्रमुख भूमिकाएं निभाएंगे और महाराष्ट्र की जनता के लिए यह गठबंधन किस तरह की नीतियां लेकर आएगा।