Vikrant Shekhawat : Jan 20, 2021, 11:02 AM
नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश में चीन के सौ घरों का गांव बनाने की खबरों के बाद से विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। विपक्ष के नेता सीधे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर सावल उठा रहे हैं। इस लिस्ट में अब एआईएमआईएम असदुद्दीन ओवैसी का नाम भी जुड़ गया है। ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कमजोर प्रधानमंत्री बताया है। ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन का नाम लेने से डरते हैं।क्या बोले असदुद्दीन ओवैसी ?ओवैसी ने कहा, ''सैटेलाइट इमेज से पता चला है कि चीन ने अरुणाचल में परमानेंट कंस्ट्रक्शन कर लिया है। प्रधानमंत्री कमजोरी दिखा रहे हैं, पीएम चीन का नाम क्यों नहीं लेते? पीएम, चीन का नाम लेने से डरते हैं। पीएम कमजोर प्रधानमंत्री है क्योंकि उन्हीं की पार्टी का एमपी कहता है कि चीन ने अरुणाचल की जमीन पर कब्जा कर लिया है।''कांग्रेस ने भी प्रधानमंत्री को निशाने पर लिया?कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाके में चीन द्वारा गांव बसाने के दावे वाली खबरों को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने एक खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, ''उनका वादा याद करिए- मैं देश झुकने नहीं दूंगा।'' पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया, ''मोदी जी, वो ''56 इंच'' का सीना कहां है ?'' कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी सोमवार को इस मामले पर सरकार से जवाब मांगा थाकिस खबर को लेकर हो रहा है बवाल?एक साल के भीतर अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के साढ़े चार किलोमीटर के भीतर सौ घरों का एक गांव बना लिया है। एक अंग्रेजी चैनल ने इसे लेकर सैटलाइट तस्वीरें भी प्रकाशित की हैं। इसमें एक तस्वीर अगस्त 2019 है और दूसरी तस्वीर नवंबर 2020 की है। पहली तस्वीर में साफ नजर आ रहा है कि एक जगह पूरी तरह खाल है, जबकि नवंबर 2020 की तस्वीर में उस जगह पर कुछ ढांचे बने नजर आ रहे हैं, जिन्हें चीन का बसाया गांव बताया जा रहा है। दावे के मुताबिक चीन ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबानसिरी जिले में इस गांव का निर्माण किया है। एलएसी से सटा यह इलाका भारत और चीन के बीच लंबे समय से विवाद का विषय बना हुआ है।भारत सरकार ने इन खबरों पर क्या कहा?इन खबरों पर सतर्कता पूर्वक प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने सोमवार को कहा कि वह देश की सुरक्षा पर असर डालने वाले समस्त घटनाक्रमों पर लगातार नजर रखता है और अपनी संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाता है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने अपने नागरिकों की आजीविका को उन्नत बनाने के लिए सड़कों और पुलों समेत सीमा पर अवसरंचना के निर्माण को तेज कर दिया।