Vikrant Shekhawat : Nov 24, 2020, 06:07 AM
Raj: यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद आसाराम बापू की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए जोधपुर कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है। जनवरी के तीसरे हफ्ते में आसाराम की अर्जी पर सुनवाई होगी। कोर्ट में सुनवाई के लिए आसाराम ने अपनी उम्र की दलील दी। जस्टिस संदीप मेहता और रामेश्वरलाल व्यास की पीठ ने आसाराम की याचिका स्वीकार कर ली है। आसाराम ने कहा कि वह 80 साल का है और 2013 से जेल में है। आसाराम ने अदालत से कहा कि उसकी अपील पर जल्द सुनवाई की जाए। आसाराम के आवेदन को वरिष्ठ अधिवक्ता जगमाल चौधरी और प्रदीप चौधरी ने प्रस्तुत किया।
बता दें कि साल 2013 में एक नाबालिग लड़की ने आसाराम पर जोधपुर के पास स्थित आश्रम में बलात्कार का आरोप लगाया था। आसाराम को 31 अगस्त 2013 को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया गया था। आसाराम पर पॉस्को, किशोर न्याय अधिनियम, बलात्कार, आपराधिक साजिश और कई अन्य मामलों के तहत मामला दर्ज किया गया है।2014 में आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। अप्रैल 2018 में, जोधपुर विशेष अदालत ने आसाराम को एक नाबालिग लड़की से बलात्कार का दोषी पाया। अदालत ने आसाराम को आजीवन कारावास (मृत्यु तक) और पॉक्सो अधिनियम के तहत 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।गौरतलब है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दायर एक अपील को खारिज कर दिया था जिसमें हार्पर कॉलिन्स की पुस्तक 'गनिंग फॉर द गॉडमैन' के प्रकाशन की अनुमति दी गई थी। यह किताब आसाराम बापू के खिलाफ आपराधिक मामले पर आधारित है।
बता दें कि साल 2013 में एक नाबालिग लड़की ने आसाराम पर जोधपुर के पास स्थित आश्रम में बलात्कार का आरोप लगाया था। आसाराम को 31 अगस्त 2013 को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया गया था। आसाराम पर पॉस्को, किशोर न्याय अधिनियम, बलात्कार, आपराधिक साजिश और कई अन्य मामलों के तहत मामला दर्ज किया गया है।2014 में आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। अप्रैल 2018 में, जोधपुर विशेष अदालत ने आसाराम को एक नाबालिग लड़की से बलात्कार का दोषी पाया। अदालत ने आसाराम को आजीवन कारावास (मृत्यु तक) और पॉक्सो अधिनियम के तहत 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।गौरतलब है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दायर एक अपील को खारिज कर दिया था जिसमें हार्पर कॉलिन्स की पुस्तक 'गनिंग फॉर द गॉडमैन' के प्रकाशन की अनुमति दी गई थी। यह किताब आसाराम बापू के खिलाफ आपराधिक मामले पर आधारित है।