Rajasthan Government / जबरन धर्म परिवर्तन करने पर 10 साल की जेल- भजनलाल सरकार ने कैबिनेट बैठक मे बिल को दी मंजूरी

राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल की कैबिनेट ने धर्मांतरण विरोधी बिल को मंजूरी दी है। जबरन धर्मांतरण पर 10 साल की सजा होगी। मर्जी से धर्म बदलने पर कलेक्टर को 60 दिन पहले सूचना देनी होगी। नवीन ऊर्जा नीति, सातवें वित्त आयोग और खनिज नीति 2024 समेत कई अहम प्रस्ताव भी मंजूर हुए।

Vikrant Shekhawat : Dec 01, 2024, 01:00 AM
Rajasthan Government: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जिनमें धर्मांतरण विरोधी बिल को मंजूरी दी गई है। यह बिल जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने और धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लाया गया है। इस बिल को आगामी बजट सत्र में विधानसभा में पेश किया जाएगा।

धर्मांतरण विरोधी बिल: मुख्य प्रावधान

  1. सख्त सजा का प्रावधान: जबरन धर्मांतरण करने पर दोषी को 10 साल तक की जेल की सजा होगी।
  2. मर्जी से धर्म परिवर्तन: किसी भी व्यक्ति को स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने से पहले 60 दिन पूर्व जिला कलेक्टर को सूचना देना अनिवार्य होगा।
  3. संवैधानिक प्रावधानों का समावेश: बिल में संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता और धर्म के प्रबंधन से संबंधित प्रावधानों को शामिल किया गया है।
कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने इस बिल की जानकारी देते हुए कहा कि यह कानून लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करते हुए जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने का प्रयास करेगा।

अनुच्छेद 25 और 26 का संदर्भ

  • अनुच्छेद 25: प्रत्येक नागरिक को अपनी पसंद के धर्म को मानने, उसके प्रचार और उसके पालन की स्वतंत्रता प्रदान करता है।
  • अनुच्छेद 26: धार्मिक संस्थानों को उनके मामलों का प्रबंधन करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है।

कैबिनेट के अन्य प्रमुख निर्णय

इस बैठक में धर्मांतरण विरोधी बिल के अलावा कई अन्य अहम फैसले लिए गए:

  1. अक्षय ऊर्जा नीति: राज्य में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नई नीति को मंजूरी दी गई।
  2. नगरीय विकास: भरतपुर और बीकानेर में विकास प्राधिकरण का गठन होगा।
  3. भर्ती प्रक्रियाएं:
    • यूनानी और आयुर्वेदिक विभाग में RPSC के माध्यम से भर्तियां की जाएंगी।
    • RAC में कांस्टेबल पद के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं पास तय की गई।
  4. खनिज नीति 2024:
    • बजरी खनन के एकाधिकार को खत्म करने के लिए एम-सैंड नीति लागू होगी।
  5. सातवां वित्त आयोग: राज्य में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सातवां वित्त आयोग गठित किया गया।
  6. दलितों की जमीन का कन्वर्जन: दलित समुदाय की भूमि के कन्वर्जन के लिए बहुत कम दरें निर्धारित की गई हैं।

राज्य के विकास का लक्ष्य

कैबिनेट बैठक में राज्य की GDP को 8% तक बढ़ाने और एक करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करने का लक्ष्य तय किया गया।

निष्कर्ष

राजस्थान सरकार द्वारा लिए गए ये फैसले राज्य के विकास और सामाजिक संतुलन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। धर्मांतरण विरोधी बिल, ऊर्जा नीति और अन्य निर्णय राज्य की सुरक्षा और आर्थिक प्रगति को नई दिशा देंगे।