असम / असम के सीएम ने मिज़ोरम के सांसद के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस लेने का आदेश दिया

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सर्मा ने पुलिस को मिज़ोरम के राज्यसभा सांसद के. वनलालवेना के खिलाफ दर्ज एफआईआर सद्भाव दर्शाते हुए वापस लेने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि वनलालवेना ने असम पुलिस को लेकर विवादित बयान दिया था। वहीं, सर्मा ने यह भी कहा है कि मिज़ोरम के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामला जारी रहेगा।

Vikrant Shekhawat : Aug 02, 2021, 12:53 PM
Assam-Mizoram, Border Dispute Updates: असम (Assam) और मिजोरम (Mizoram) के बीच सीमा विवाद को लेकर दोनों राज्‍यों के मुख्‍यमंत्र‍ियों के रुख में नरमी आई है. ताजा घटनाक्रम में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सदभावना की पहल करते हुए मिजोरम के सांसद के वनलालवेना (Mizoram MP K Vanlalvena) के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को वापस (withdraw FIR) करने के निर्देश दिए हैं.

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट किया, “मैंने असम पुलिस को मिजोरम के राज्यसभा सांसद के वनलालवेना (Mizoram MP K Vanlalvena) के खिलाफ प्राथमिकी वापस लेने का निर्देश दिया है. हालांकि, अन्य आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामलों को आगे बढ़ाया जाएगा.” असम पुलिस ने सांसद पर 26 जुलाई को सीमा पर हुई हिंसा के सिलसिले में मामला दर्ज किया था.

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के बीच तनाव को कम करने के लिए असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों के साथ टेलीफोन पर बात की थी इसके बाद दोनों राज्‍यों के मुख्‍यमंत्र‍ियों के रुख में कल रविवार को नरमी दिखी.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ रविवार को बातचीत के बाद मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने कहा कि फोन कॉल के दौरान फैसला किया गया कि सीमा विवाद का सौहार्दपूर्ण तरीके से सार्थक संवाद के जरिये समाधान किया जाए. उन्होंने ट्वीट किया, ”फोन पर केंद्रीय गृहमंत्री और असम के मुख्यमंत्री से हुई बात के मुताबिक, हम मिजोरम-असम सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण माहौल में सार्थक वार्ता के जरिये सुलझाने पर सहमत हुए हैं.” जोरामथंगा ने मिजोरम के लोगों से भी सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश पोस्ट करने और मंच का दुरुपयोग करने से बचने की अपील की ताकि मौजूदा तनाव को कम किया जा सके.

दोनों राज्‍यों की पुलिस की झड़प के छह दिन बाद कल रविवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार को कहा कि अगर मिजोरम पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी दोनों राज्यों के बीच शांति स्थापित करने में मददगार साबित होती है, तो वह इसके लिए तैयार हैं. सरमा ने वार्ता के जरिए एक समाधान निकालने का समर्थन किया. सरमा ने संवाददाताओं से कहा कि मिजोरम पुलिस के किसी समन से बचने के लिए वह जमानत नहीं मांगेंगे.

असम के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अगर मुझे समन मिलता है तो मैं सिलचर से वैरंगते (वो शहर जहां से असम के अधिकारियों के खिलाफ समन जारी हुआ) की पदयात्रा करूंगा और जांच में शामिल होऊंगा. अगर वे (मिजोरम पुलिस) मुझे गिरफ्तार करते हैं और इससे शांति स्थापित होने में मदद मिलती है तो इसके लिए तैयार हूं। मैं गुवाहाटी उच्च न्यायालय से जमानत का अनुरोध नहीं करूंगा.’

मिजोरम पुलिस ने झड़प को लेकर असम के छह अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न आरोपों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी. सरमा ने हालांकि कहा कि वह अधिकारियों की रक्षा करेंगे और असम में हुई एक घटना के लिए मिजोरम पुलिस द्वारा उनकी जांच करने की अनुमति नहीं देंगे.

बता दें कि बीते 26 जुलाई को असम और मिजोरम के पुलिस बलों के बीच हिंसक झड़प में सात लोगों की मौत और कई अन्य घायल हो गए थे. इसके के बाद मिजोरम पुलिस ने असम के सीएम सरमा एवं 6 अधिकारियों के खिलाफ हत्या के प्रयास एवं आपराधिक षड्यंत्र सहित विभिन्न आरोपों में वायरेंगटे थाने में 26 जुलाई की रात प्राथमिकी दर्ज की थी.

मिजोरम पुलिस की एफआईआर के बाद असम पुलिस ने भी मिजोरम से राज्यसभा सदस्य के. वनललवेना और राज्य के छह अन्य अधिकारियों को सम्मन जारी किया था और उनसे सोमवार को ढोलाई पुलिस थाने में उपस्थित होने को कहा था इन अधिकारियों में एक उपायुक्त और कोलासिब जिले के पुलिस अधीक्षक भी शामिल हैं.