Vikrant Shekhawat : Sep 20, 2019, 12:32 PM
जयपुर। राजस्थान विधानसभा कि पर्यावरण समिति ने माउंट आबू के आरटीडीसी की शिखर होटल के सभागार में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की बैठक ली और पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। पर्यावरण समिति के अध्यक्ष विधायक श्री अर्जुनलाल जीनगर ने अध्यक्षता की। इस अवसर पर पर्यावरण समिति के सदस्य विधायक खुशवीर सिंह, महेंद्र विश्नोई, किशनाराम एवं हमीरसिंह ने भी चर्चा की।
बैठक में चिकित्सा, कृषि, जिला उद्योग केन्द्र, सिंचाई, पशुपालन विभाग के अधिकारी अनुपस्थित रहने से इन विभागो के बारें में चर्चा नहीं हो सकी। जिससे सभापति व सदस्यगणों ने गहरी नाराजगी व्यक्त की तथा समिति सदस्यों ने जिला कलेक्टर को कार्यवाही के लिए कहा।
अर्जुन लाल जीनगर ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है और पर्यावरण संतुलित होगा तभी हम आने वाली पीढी को सुरक्षित और शुद्ध वातावरण दे सकेंगे।पर्यावरण संतुलित होगा तभी हम आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित और सुकून दायी जीवन दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संतुलन के लिए हर स्तर पर सभी प्रयास जरूरी है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास होना चाहिए, औद्योगिक विस्तार भी होना चाहिए लेकिन पर्यावरण की कीमत पर नहीं। पर्यावरण समिति ने जिले में पर्यावरण की स्थिति और औद्योगिक इकाइयों की वजह से पर्यावरण पर प्रभाव तथा प्रदूषण आदि सभी स्थितियों की जानकारी ली और कहा कि पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए सभी अपनी जिम्मेदारी से काम करें और यह प्रयास करें कि जनता और क्षेत्र की सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए ठोस और निर्णायक कार्यवाही करें। समिति ने नदियों के संरक्षण पर बल दिया। समिति ने खनन क्षेत्र और उद्योगिक इकाइयों तथा उनके आसपास और सड़कों के किनारे पौधे लगाने और पर्यावरण समिति की बैठक में दिए निर्देशों की जल्द से जल्द पालना सुनिश्चित करने को कहा।
समिति के सभापति अर्जुनलाल जीनगर ने औद्योगिक इकाईयो से कहा कि वे पर्यावरण के प्रति गंभीरता बरते। समिति ने यह भी कहा कि जो पौधे लगाए जाते हैं, उसकी विकास दर की समय-समय पर मॉनेटरिंग की जानी चाहिए ताकि वस्तु स्थिति की जानकारी मिल सके। उन्होने यह भी निर्देश दिए कि औद्योगिक इकाइयों द्वारा लगाए गए पेड़ों का अधिकारियो की टीम बनाकर भौतिक सत्यापन किया जाए।
समिति ने औद्योगिक इकाइयों से कहा कि जिले का व्यापक औद्योगिक विकास होना चाहिए लेकिन इसके साथ ही स्थानीय को रोजगार, जन सुविधाओं का विस्तार और लोक स्वास्थ्य का भी पूरा-पूरा ध्यान रखा जाना जरूरी है। समिति ने कहा कि मानव विकास की गतिविधियों को बढ़ावा मिलना चाहिए लेकिन पर्यावरण को संरक्षित रखने के काम को सर्वोच्च जिम्मेदारी से निभाने की आवश्यकता है। समिति ने राष्ट्रीय राजमागोर्ं पर दोनों तरफ वृक्षारोपण की भी आवश्यकता जताई।
बैठक में समिति ने सीएसआर गतिविधियों में औद्योगिक इकाइयों के सहयोग से हुए विकास कार्यों की सूची प्रस्तुत करने तथा सीएसआर की बैठकों में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित करने, औद्योगिक इकाइयों से संबंधित जनसुनवाई में पारदर्शिता के साथ काम करने आदि के निर्देश दिए।
बैठक में आबू-पिंडवाडा विधायक समाराम श्री गरासिया, पिंडवाडा प्रधान , नगरपालिका आबूरोड के सुरेश सिंधल एवं माउंट आबू के सुरेश थिंगर ने अपने क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराते हुए उनके समाधान की मांग की और अपने सुझावों को भी समिति के समक्ष रखा।
अंत में जिला कलक्टर सुरेन्द्र कुमार सोलंकी ने आभार प्रदर्शन करते हुए कहा कि समिति ने जो सुझाव दिए हैं उन पर अमल किया जाएगा तथा निर्देशों की पूरी पूरी अनुपालना यथाशीघ्र की जाएगी।
बैठक में बिन्दुवार समीक्षा
बैठक में नदियाें में लिक्विड वेस्ट प्रदूषण रोकने, स्टोन से निकलने वाला स्लेरी वेस्ट, बायो वेस्ट, गिट्टी क्रेसर, ठोस कचरा प्रबंधन एवं उसका निस्तारण, औद्योगिक इकाइयों द्वारा व खनन क्षेत्र में होना वाला प्रदूषण, टर्म एंड कन्डीशन के अनुसार पौध रोपण, जलसंग्रहण, शिक्षण संस्थाओं में अधिकाधिक पौध रोपण, राष्ट्रीय राजमार्गो पर पौध रोपण, स्थापित उद्योगो द्धारा सीएसआर की शर्तों के अनुसार किए जाने वाले जन कल्याण कारी कार्यो के संबंध में विचार-विमर्श कर निर्देश दिए गए।
बैठक में उपखंड अधिकारी डॉ. रवि गोस्वामी, यूआईटी सचिव कुशल कोठारी, सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण जनप्रतिनिधि, मीडिया कर्मी और पर्यावरण से संबंधित समस्याओं को लेकर नागरिक गण उपस्थित थे।
राजस्थान विधानसभा की पर्यावरण समिति ने वन क्षेत्रों का अवलोकन किया।